सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को ध्वस्त करने की तारीख पर मुहर लग गई है. इस संबंध में मंगलवार को एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में फैसला लिया गया है कि ट्विन टावर 21 अगस्त को ध्वस्त किया जाएगा. एडिफिस कंपनी के इंजीनियर्स ने बिल्डिंग ध्वस्त करने के लिए 21 अगस्त का दिन तय किया है. ट्विन टावर को लेकर हुई बिल्डिंग में नोएडा अथॉरिटी, टावर को गिराने के काम में लगी एडिफिस कंपनी और सीबीआरआई समेत आसपास की RWO भी शामिल हुईं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक एमेराल्ड कोर्ट के दो टावर तोड़ने की समय सीमा 28 अगस्त तक कर दी है. हालांकि पिछले आदेश के मुताबिक दोनों टावर को 22 मई तक तोड़ा जाना था, लेकिन टावर तोड़ने वाली कंपनी ने कहा कि जो टेस्ट किए गए थे, उसमें कुछ दिक्कत आ रही है. सुरक्षा की दृष्टि से टावर को तोड़ने के इंतजाम करने के लिए थोड़ा और वक्त दिया जाए. वहीं स्थानीय आरडब्ल्यूए ने भी कंपनी के काम की वजह से हो रही परेशानी की बात भी उठाई.
प्राधिकरण को एडिफिस इंजीनियरिंग ने बताया कि कितना काम पूरा हो चुका है. इसके साथ ही आसपास के RWA की शिकायतें भी सुनी गईं. इससे पहले विशेषज्ञों की टीम ने इमारत में धमाका कर टेस्टिंग भी की थी. टेस्टिंग ब्लास्ट में पता चला कि टावर विशेषज्ञों के अनुमान से ज्यादा मजबूत है. इस ऊंची इमारत को विस्फोट तकनीक के जरिए गिराया जाएगा.
टावर को गिराने में कितना खर्च आएगा
ट्विन टावर को गिराने के लिए मुंबई की एक कंपनी को ठेका दिया गया है. कंपनी ने साइट पर काम करना शुरू कर दिया है. नोएडा अथॉरिटी ने बकायदा यहां पर बोर्ड लगा दिया है, जिसमें साफ लिखा है कि किस कंपनी को टावर को गिराने का ठेका दिया गया है. ट्विन टावर को विस्फोट के जरिए ध्वस्त करने के लिए कंपनी को लगभग सभी एनओसी मिल चुके हैं. इस पूरी कार्रवाई में लगभग 13 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा.