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पुडुचेरी: बीजेपी MLA के समर्थकों ने पार्टी दफ्तर में की तोड़फोड़, मंत्री नहीं बनाए जाने से थे नाराज

पुडुचेरी में बीजेपी विधायक जॉन कुमार के एक समर्थक ने कहा कि हम ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और आज उन्हें उनके धर्म के कारण मंत्री पद से वंचित किया जा रहा है. हम जो महसूस करते हैं वही कह रहे हैं.

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पुडुचेरी में बीजेपी दफ्तर में तोड़फोड़
पुडुचेरी में बीजेपी दफ्तर में तोड़फोड़
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुडुचेरी में बीजेपी दफ्तर में जमकर तोड़फोड़
  • बीजेपी MLA के समर्थकों ने किया हंगामा
  • आलाकमान मंत्री पदों पर फैसला करेगाः प्रदेश उपाध्यक्ष

पुडुचेरी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक के समर्थकों ने पार्टी दफ्तर में जमकर हंगामा किया. यही नहीं बीजेपी दफ्तर में तोड़फोड़ भी की गई. समर्थक इस बात से नाराज थे कि उनके नेता को कैबिनेट में कोई पद नहीं दिया गया.

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दरअसल, बीजेपी उम्मीदवार जॉन कुमार कामराज नगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीते हैं. लेकिन आज जब उनके समर्थकों को पता लगा कि जॉन कुमार को कैबिनेट में एक भी विभाग नहीं दिया जाएगा, तो वे भड़क उठे. उन्होंने पुडुचेरी बीजेपी दफ्तर में तोड़फोड़ शुरू कर दी.

जॉन कुमार के समर्थकों ने बीजेपी दफ्तर में तोड़फोड़ की और बैनर-पोस्टरों को फाड़ दिया. बीजेपी नेता जॉन कुमार के एक समर्थक ने कहा, "पहले हमारे निर्वाचन क्षेत्र में खड़े जॉन कुमार को मंत्री पद का वादा किया गया था लेकिन अब उन्हें इससे वंचित किया जा रहा है. यह बहुत दुखद है. हम ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और आज उन्हें उनके धर्म के कारण इस पद से वंचित किया जा रहा है. हम जो महसूस करते हैं वही कह रहे हैं."

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हालांकि, बाद में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें शांत कराया और कहा कि वे इस मुद्दे को पार्टी आलाकमान के सामने उठाएंगे. प्रदेश अध्यक्ष वी समीनाथन ने कहा, “जॉन कुमार के कई समर्थक आए और अनुरोध किया कि विधायक को मंत्री पद दिया जाए. हमने उनसे कहा है कि केंद्र में आलाकमान मंत्री पदों पर फैसला करेगा. हमने समर्थकों को शांत रहने के लिए कहा है. घटना जॉन कुमार की जानकारी के बिना हुई है."

विभाग आवंटन में हो रही देरी

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा, "हम जांच करेंगे कि ये लोग जॉन कुमार के समर्थक हैं या कोई और. यह पार्टी का आंतरिक मामला है और हम कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करेंगे लेकिन पार्टी के नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे."

गौरतलब है कि एआईएनआरसी (AINRC) और बीजेपी के बीच विभागों के आवंटन में मतभेद के कारण, करीब 50 दिनों के बाद भी केंद्र शासित प्रदेश में किसी ने भी मंत्री के रूप में कार्यभार नहीं संभाला है.

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