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सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को दी बड़ी राहत, 58% आरक्षण पर लगी रोक हटाई

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भूपेश बघेल सरकार के आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 58% करने के फैसले को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया है. कोर्ट ने सरकारी नौकरी और आरक्षण में 58% (SC+ST+OBC) आरक्षण बरकरार रखने का आदेश दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने सरकारी नौकरी और आरक्षण में 58% (SC+ST+OBC) आरक्षण बरकरार रखने का आदेश दिया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह अंतरिम राहत है. कोर्ट इस मामले में जुलाई में फिर सुनवाई करेगा. 

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दरअसल, इससे पहले 2022 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने  भूपेश बघेल सरकार के आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 58% करने के फैसले को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया है.

2012 में छत्तीसगढ़ में भाजपा के नेतृत्व वाली डॉ रमन सिंह सरकार ने आरक्षण को बढ़ाकर 58% कर दिया था. इसके तहत अनुसूचित जाति का आरक्षण (SC) 16 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति और (ST) के लिए इसे 32 प्रतिशत और अन्य पिछड़ी जातियों के लिए कोटा 14 प्रतिशत कर दिया गया था. राज्य में हंगामा हुआ जिसके बाद राज्य सरकार के फैसले को बिलासपुर उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी. एक दशक के बाद ही, छत्तीसगढ़ HC ने इस फैसले को असंवैधानिक बताकर नकार दिया.

छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों को शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सेवा भर्ती में आरक्षण को कानून में संशोधन के जरिए बढ़ाया था. हालांकि, हाईकोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ भूपेश बघेल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी. सरकार के अलावा कई आदिवासी संगठनों द्वारा भी याचिका दाखिल की गई थी. 

 

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