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'सुप्रीम कोर्ट को 'टूल' के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं भारत विरोधी ताकतें', BBC डॉक्यूमेंट्री पर RSS की पत्रिका

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र को शीर्ष अदालत के नोटिस का हवाला देते हुए संपादकीय में आरोप लगाया गया, "सुप्रीम कोर्ट हमारे देश के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल भारत के विरोधियों द्वारा अपने रास्ते साफ करने के प्रयासों में एक टूल के रूप में किया जा रहा है." 

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के सोशल मीडिया लिंक को ब्लॉक करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. इसको लेकर आरएसएस से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका 'पाञ्चजन्य' ने शीर्ष अदालत की आलोचना की है. पत्रिका में कहा गया है कि देश विरोधी ताकतों द्वारा सुप्रीम कोर्ट को 'टूल' के रूप में उपयोग किया जा रहा है.  

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साप्ताहिक पत्रिका के नवीनतम अंक के संपादकीय में कहा गया है कि मानव अधिकारों के नाम पर आतंकवादियों को बचाने, पर्यावरण के नाम पर भारत के विकास में बाधा बनाने के बाद, अब यह कोशिश की जा रही है कि देश विरोधी ताकतों को भारत में उसके खिलाफ ही प्रचार करने का अधिकार हो.  

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र को शीर्ष अदालत के नोटिस का हवाला देते हुए संपादकीय में आरोप लगाया गया, "सुप्रीम कोर्ट हमारे देश के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल भारत के विरोधियों द्वारा अपने रास्ते साफ करने के प्रयासों में एक टूल के रूप में किया जा रहा है." 

भारत को बदनाम करने की साजिश 

संपादकीय में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट टेक्सपेयर्स के पैसों पर चलता है और देश के लिए भारतीय कानून के अनुसार काम करता है. संपादकीय में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को भारत को बदनाम करने का 'प्रचार' करार देते हुए कहा गया है कि यह 'झूठी' और 'कथा पर आधारित' है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि सभी देश-विरोधी ताकतें हमारे खिलाफ "हमारे लोकतंत्र, हमारी उदारता और हमारी सभ्यता के मानकों" के प्रावधानों का फायदा उठाती हैं.  

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कांग्रेस ने पाञ्चजन्य पर उठाए सवाल   

वहीं पाञ्चजन्य के संपादकीय पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पूछा कि देश के सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाने वाली पांचजन्य कौन होती है. एक संस्था जो रजिस्टर्ड भी नहीं है, किस आधार पर सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठा रही है. आपकी अपनी सरकार लोकतंत्र से समझौता करने के लिए पेगासस, विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल कर रही है और आपको बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से दिक्कत है. हम सुप्रीम कोर्ट की इस अवमानना ​​की आलोचना करते हैं.  

BBC डॉक्यूमेंट्री मामले में अप्रैल में होगी सुनवाई 

सुप्रीम कोर्ट ने बीते हफ्ते विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री के मद्देनजर भारत में बीबीसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही कहा कि याचिका पूरी तरह गलत और बिल्कुल अयोग्य करार दिया. डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अप्रैल महीने में सुनवाई की जाएगी. 21 जनवरी को, सरकार ने डॉक्यूमेंट्री के लिंक साझा करने वाले कई YouTube वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे. 

 

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