scorecardresearch
 

रोके के बाद युवक पर रेप का आरोप, अग्रिम जमानत अर्जी पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

इसके बाद मंगेतर ने अपने होने वाले पति पर रेप का मुकदमा दर्ज करा दिया. जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि मेट्रिमोनियल यानी वैवाहिक वेबसाइट के जरिए आप लोग मिले इसका मतलब तो ये हुआ कि आप विवाह करने को उत्सुक और इच्छुक थे.

Advertisement
X
रोके के बाद रेप आरोपी बने युवक की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई
रोके के बाद रेप आरोपी बने युवक की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई

रोके के बाद और सगाई से पहले ही अपनी मंगेतर से रेप के मुलजिम बने एक सरकारी मुलाजिम की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ के सामने इस मामले की शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाते हुए कहा कि उसके सरकारी दफ्तर में पुलिस घात लगाए बैठी है. उसे गिरफ्तारी से संरक्षण दिया जाए.

Advertisement

दरअसल, इस सरकारी कर्मचारी का विवाह किसी मेट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए तय हुआ था. दोनों मिले और सगाई से पहले की रस्म रोका भी संपन्न हो गई. याचिकाकर्ता के मुताबिक इस बीच दोनों के बीच आपसी सहमति से रिश्ते भी बन गए. लेकिन इसी बीच आपसी तनाव और मनमुटाव को वजह से रिश्ता टूट गया.

इसके बाद मंगेतर ने अपने होने वाले पति पर रेप का मुकदमा दर्ज करा दिया. जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि मेट्रिमोनियल यानी वैवाहिक वेबसाइट के जरिए आप लोग मिले इसका मतलब तो ये हुआ कि आप विवाह करने को उत्सुक और इच्छुक थे. लेकिन आपने कुछ समय साथ गुजारने के बाद रिश्ते को. नकार दिया. ये तो कतई उचित नहीं है.

इस पर याचिकाकर्ता ने सफाई दी कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. वो सरकारी कर्मचारी है. लेकिन उसकी मंगेतर ने गुस्से और स्वार्थ में झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया है. उसे गिरफ्तारी से संरक्षण की जरूरत है ताकि वो अपनी बेकसूरी साबित कर सके. इस पर अदालत ने अगले मंगलवार को इस पर सुनवाई करने का भरोसा दिया.
 

Advertisement

Advertisement
Advertisement