scorecardresearch
 

'बुलडोजर विपक्ष की आवाज दबाने के लिए था...', अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

अखिलेश यादव ने कहा, बुलडोजर न्याय नहीं हो सकता. यह असंवैधानिक था, यह लोगों को डराने के लिए था. बुलडोजर जानबूझकर विपक्ष की आवाज दबाने के लिए था. मैं सुप्रीम कोर्ट को इस निर्देश के लिए धन्यवाद देता हूं जिसने बुलडोजर को रोक दिया है.

Advertisement
X
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने डिमोलिशन यानी बुलडोजर एक्शन पर मंगलवार को रोक लगा दी. यह रोक एक अक्टूबर तक के लिए लगाई गई है. कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक अतिक्रमण पर ही एक्शन होगा. कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर राज्यों को निर्देश देते हुए कहा है कि बुलडोजर न्याय का महिमामंडन बंद होना चाहिए. कानूनी प्रक्रिया के तहत ही अतिक्रमण हटाएं. शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बयान सामने आया है.

Advertisement

अखिलेश ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
अखिलेश यादव ने कहा, 'बुलडोजर न्याय नहीं हो सकता. यह असंवैधानिक था, यह लोगों को डराने के लिए था. बुलडोजर जानबूझकर विपक्ष की आवाज दबाने के लिए था. मैं सुप्रीम कोर्ट को इस निर्देश के लिए धन्यवाद देता हूं जिसने बुलडोजर को रोक दिया है. सीएम, यूपी सरकार और बीजेपी के लोगों ने 'बुलडोजर' का महिमामंडन किया जैसे कि यह न्याय है. अब जब सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है, तो मुझे लगता है कि बुलडोजर रुक जाएगा और न्याय अदालत के माध्यम से होगा.'

देश के कानून पर बुलडोजर चलाने वाली नीति बेपर्दा हुई: प्रियंका गांधी 
वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, 'भाजपा सरकारों की अन्यायपूर्ण और अमानवीय 'बुलडोजर नीति' को आईना दिखाने वाला माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. ऐसी बर्बर कार्रवाइयों के जरिये "देश के कानून पर बुलडोजर चलाकर" इंसानियत और इंसाफ को रौंदने वाली नीति एवं नीयत पूरे देश के सामने बेपर्दा हो चुकी है. वे समझते हैं कि 'त्वरित न्याय' की आड़ में जुल्म और नाइंसाफी के बुलडोजर से संविधान को कुचलकर भीड़ और भय का राज स्थापित किया जा सकता है. लेकिन यह देश संविधान से चलता है और संविधान से ही चलेगा. अदालत ने साफ कर दिया है कि 'बुलडोजर अन्याय' स्वीकार्य नहीं है.'

Advertisement

भाजपा प्रवक्ता ने बुलडोजर एक्शन का किया समर्थन
वहीं, बुलडोजर एक्शन पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि राजनीतिक दुराग्रह या पूर्वाग्रह से बुलडोजर चलाना गलत है. भाजपा सरकार में अपराधी के अपराध पर बुलडोजर नहीं चलता. अपराधी के अवैध निर्माण के अतिक्रमण पर विधि की परिधि में बुलडोजर चला है. उन्होंने कहा, सपा शासन काल में विधायक रामपाल यादव या उद्धव ठाकरे शासन में कंगना रनौत के घर पर बुलडोजर गलत ढंग से चला था. सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश की प्रतीक्षा सबको है.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अवैध निर्माण पर तो नोटिस के बाद ही बुलडोजर चल रहे हैं. इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि सड़कों, गलियों, फुटपाथ या सार्वजनिक जगहों पर किए अवैध निर्माण को समुचित प्रक्रिया के साथ ढहाने की छूट रहेगी.

बता दें कि उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में बुलडोजर से ध्वस्तीकरण कार्रवाई के खिलाफ दाखिल जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह बात कही. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सॉलिसिटर तुषार मेहता ने कहा कि डिमोलिशन की कार्रवाई जहां हुई है, वो कानूनी प्रकिया का पालन करके हुई है. एक समुदाय विशेष को टारगेट करने का आरोप गलत है. एक तरह से गलत नैरेटिव फैलाया जा रहा है.

Advertisement

इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि इस नैरेटिव से हम प्रभावित नहीं हो रहे हैं. हम ये साफ कर चुके हैं कि हम अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं है. हम एग्जीक्यूटिव जज नहीं बन सकते हैं. जरूरत है कि डिमोलिशन की प्रकिया स्ट्रीमलाइन हो.

Live TV

Advertisement
Advertisement