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अब मोबाइल ऐप पर मुफ्त कानूनी मदद, चीफ जस्टिस रमणा ने किया शुभारंभ

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से लेकर जिला और सत्र न्यायालय तक में मुफ्त कानूनी सहायता के लिए मोबाइल ऐप (Mobile App) शुरू हो गया है. अब इस ऐप से देश के सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, जिला और तालुका स्तर के सत्र अदालतों सहित न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े तीन हजार से ज्यादा संस्थान जुड़े हैं.

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सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुआवजे के लिए पीड़ित खुद लगा सकेंगे अर्जी
  • तीन हजार से ज्यादा संस्थान इस ऐप से जुड़े हैं
  • चीफ जस्टिस रमणा ने किया शुभारंभ

अब अदालतों में निर्धन, असहाय लोगों को न्याय पाने के लिए मुफ्त में मिलने वाली कानूनी मदद (Legal Aid) की राह और आसान हो गई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से लेकर जिला और सत्र न्यायालय तक में मुफ्त कानूनी सहायता के लिए मोबाइल ऐप (Mobile App) शुरू हो गया है. अब इस ऐप से देश के सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, जिला और तालुका स्तर के सत्र अदालतों सहित न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े तीन हजार से ज्यादा संस्थान जुड़े हैं.

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फिलहाल ये ऐप एंड्रॉयड ऑपरेटिंग स्मार्ट फोन में उपलब्ध है. शीघ्र ही इसका विस्तार होगा. दो महीनों में ये स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध हो जाएगा. साथ ही आईओएस ऑपरेटिंग फोन में भी चल सकेगा. चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने इसकी शुरुआत कर दी.

चीफ जस्टिस रमणा ने किया शुभारंभ

शुभारंभ करते हुए चीफ जस्टिस रमणा ने कहा कि ये सुखद संजोग है कि भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिरह पर ये नई सेवा शुरू हो रही है. रविवार यानी आज 8 अगस्त को अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिरह पर जस्टिस रमणा ने इस एक्चुअल सेवा का शुभारंभ विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में किया.

जस्टिस रमणा ने इस मौके पर विजन एंड मिशन स्टेटमेंट भी जारी किया. नेशनल लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी यानी NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूयू ललित सहित सुप्रीम कोर्ट के जज, दिल्ली लीगल सर्विसेज अथॉरिटी से जुड़ी कई जानी मानी हस्तियां भी मौजूद रहीं.

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अथॉरिटी के मुताबिक मोबाइल ऐप के जरिए करोड़ों फरियादियों तक इस सेवा का पहुंचना सचमुच देश की न्यायिक सेवा यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा. लोग इस ऐप की सहायता से शीघ्र और सुनिश्चित कानूनी सेवा प्राप्त कर सकेंगे. क्योंकि यहां जानकारी के लेने देने में कोई हिचक, भागदौड़ और खामख्वाह की आपाधापी नहीं होगी. कई छोटी-मोटी समस्याओं और सवालों के जवाब तो ऐप से ही मिल जाएंगे.

मुआवजे के लिए पीड़ित खुद लगा सकेंगे अर्जी

इनके अलावा पीड़ित मुआवजा के लिए भी खुद इस ऐप के जरिए अर्जी दे सकते हैं. उन्हें इसके लिए एफआईआर और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे. फरियादी 15100 पर डायल कर राष्ट्रीय हेल्प लाइन पर सीधे बात भी कर सकते हैं. राष्ट्रीय और राज्य स्तर के अलावा जिला और तालुका स्तर पर भी लीगल अथॉरिटी के नोटिफिकेशन इस पर उपलब्ध होंगे. देश के हर एक पोस्ट ऑफिस और पुलिस थाने में इस ऐप के बारे में प्रमुख जगह पर बिलबोर्ड के जरिए जानकारी दी जानी लाजिमी है. ताकि कोई भी इस सुविधा और सेवा का फायदा ले सके.

 

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