कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस जॉयमाल्या बागची सुप्रीम कोर्ट के नए जज होंगे. राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश केंद्र सरकार के पास भेजी थी. जस्टिस बागची का सुप्रीम कोर्ट में लंबा कार्यकाल होगा. वो मई 2031 में जस्टिस के वी विश्वनाथन के रिटायरमेंट के बाद चीफ जस्टिस बनेंगे.
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट के कोटे से जस्टिस अल्तमस कबीर सुप्रीम कोर्ट के जज बने. 18 जुलाई 2013 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस अल्तमस कबीर के रिटायर होने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट से भारत का कोई भी मुख्य न्यायाधीश नहीं हुआ है.
25 मई 2031 को जस्टिस केवी विश्वनाथन की सेवानिवृत्ति के बाद जस्टिस जॉयमाल्या बागची 2 अक्टूबर 2031 को अपनी सेवानिवृत्ति यानी चार महीने से कुछ अधिक अवधि तक भारत के मुख्य न्यायाधीश होंगे.
जस्टिस जॉयमाल्या बागची के पास सीजेआई का पद ग्रहण करने से पहले छह साल का और कार्यकाल होगा. कॉलेजियम ने इस तथ्य पर भी विचार किया है कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की बेंच का प्रतिनिधित्व कलकत्ता उच्च न्यायालय से केवल एक न्यायाधीश द्वारा किया जा रहा है. जस्टिस जॉयमाल्या बागची मुख्य न्यायाधीशों सहित उच्च न्यायालय के जजों की संयुक्त अखिल भारतीय वरिष्ठता में क्रम संख्या 11 पर हैं.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश जॉयमाल्या बागची को पदोन्नत कर SC में जज नियुक्त करने की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी. न्यायमूर्ति बागची ने हाल ही में आरजी कर अस्पताल के वित्तीय कुप्रबंधन के मुद्दे पर सुनवाई की थी और उच्च पदों पर भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के लिए सुर्खियों में रहे हैं. उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले मामले की जांच करते समय सीबीआई के आचरण पर भी सवाल उठाए थे. जस्टिस बागची के पदोन्नत होने से सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत 34 जजों की संख्या भी पूरी हो गई है.