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गुजरात दंगा केस: मुआवजे को लेकर फिर SC पहुंचीं बिलकिस बानो, अदालत ने राज्य सरकार से संपर्क करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को मुआवजा, घर और सरकारी नौकरी देने का निर्देश दिया था. बिलकिस बानो की ओर से इसी मसले पर दोबारा अपील की गई थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुजरात दंगे केस पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
  • पीड़िता को राज्य सरकार से संपर्क करने को कहा

गुजरात में 2002 में हुए दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर नौकरी और मुआवजे के लिए गुहार लगाई. सोमवार को सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने याचिकाकर्ता को गुजरात सरकार के सामने अपनी बात रखने का निर्देश दिया. 

गुजरात दंगे के दौरान बिलकिस बानो का गैंगरेप किया गया था, इस मामले में सर्वोच्च अदालत ने गुजरात सरकार को आदेश दिया था कि बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और एक सरकारी नौकरी दी जाए. 

हालांकि, बिलकिस बानो का कहना है कि अभी तक उन्हें ऐसी मदद नहीं मिली है, जिसके बाद उन्होंने दोबारा सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. 

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सॉलिसिटर जनरल की ओर से अदालत को बताया गया कि बिलकिस बानो को सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि दी गई है, जबकि सरकारी नौकरी ऑफर की गई है. 

वहीं, सरकार के दावे से उलट बिलकिस बानो ने अपनी एप्लिकेशन में कहा कि राज्य सरकार ने 50 स्क्वायर मीटर की जमीन दी है, साथ ही कृषि विभाग में चपरासी की नौकरी ऑफर की है. हालांकि, चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले में कोई आदेश नहीं दिया और राज्य सरकार से संपर्क करने को कहा.

आपको बता दें कि बिलकिस बानो के साथ 21 साल की उम्र में गोधरा दंगों के दौरान गैंगरेप किया गया था. उसकी तीन साल की बेटी को भी मार डाला गया था. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को इस मामले में मुआवजा, घर देने का आदेश दिया था. 

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