भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी गौतम नवलखा को घर में नजरबंद रखने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि नवलखा कश्मीरी चरमपंथियों और आईएसआई के संपर्क में है. घर में नजरबंदी के दौरान हम उन्हें कंट्रोल नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि नवलखा के आईएसआई से संबंध हैं और आतंकी गतिविधियों के लिए भारत में भर्ती में उनकी भूमिका रही है.यह बहुत ही गंभीर आरोप है.
इस मामले पर अदालत ने कहा कि वह (नवलखा) 70 साल के बुजुर्ग हैं. हमें नहीं पता कि उनकी उम्र और कितनी होगी. आप घर में नजरबंदी के लिए जो भी पाबंदियां लगाना चाहते हैं, आप लगा सकते हैं. वह इस देश को बर्बाद नहीं करने जा रहे. क्या आप चाहते हैं कि मैं आपको बताऊं कि हमारे देश को कौन बर्बाद कर रहे हैं? यह भ्रष्टाचार है, जो देश को बर्बाद कर रहा है. हमने वीडियो देखा है कि किस तरह जनता के चुने गए प्रतिनिधियों को खरीदने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए.
इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वह उन लोगों में से एक है, जो हमारे देश को बर्बाद करना चाहते हैं. इस पर आपत्ति जताते हुए मामले में नवलखा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर इस बात का कोई सबूत है कि वह देश को बर्बाद कर रहे हैं तो मैं अपने मुवक्किल का साथ नहीं दूंगा.
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि आपको नवलखा की उम्र का लिहाज रखकर कुछ तो सोचना चाहिए. वह कई तरह की स्वास्थ्य दिक्कतों से जूझ रहे हैं.
इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें (नवलखा) अस्पताल में ही रहने दीजिए. नजरबंद मत कीजिए. इस पर सिब्बल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि आप सुदर्शन के बारे में खुलासा क्यों नहीं कर रहे? क्या यह भी नेशनल सीक्रेट है. इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा कि वह अंडरग्राउंड हैं, उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
जस्टिस रॉय ने कहा कि दो साल बाद भी आज गौतम नवलखा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर कोई भी साक्ष्य पेश नहीं किए गए. इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह बहुत ही सोची-समझी रणनीति है. वे ट्रायल को डिले करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कुछ बेहद गंभीर आरोप लगे हैं. मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि उनकी मेडिकल कंडीशन जो भी हो, हम उन्हें अस्पताल लेकर जाएंगे. घर पर इस तरह की सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा सकती हैं.