पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. कोर्ट ने पंजाब सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को मेडिकल सुविधा देने का आदेश दिया था, जो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. अब, सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई होने जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा था कि सरकार के अधिकारी और कुछ किसान नेता मीडिया में गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, जिससे जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का मामला और उलझता जा रहा है. सरकार पर आरोप है कि वे डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश का पालन नहीं कर रही है, जबकि कोर्ट का मानना है कि 70 वर्षीय डल्लेवाल को मेडिकल सहायता की तुरंत जरूरत है.
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भूख हड़ताल पर क्यों बैठे डल्लेवाल?
डल्लेवाल नवंबर 26 से हरियाणा-पंजाब की सीमा स्थित खनौरी धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी. वह केंद्र सरकार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 20 को पंजाब सरकार और डॉक्टरों पर उनके अस्पताल में भर्ती कराने के फैसले का जिम्मा सौंपा था.
हालांकि, कोर्ट की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि डल्लेवाल को एक अस्थायी अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है, जो धरना स्थल से सिर्फ 700 मीटर की दूरी पर स्थित है. कोर्ट ने सरकार के इस मुद्दे पर ढिलाई को लेकर कड़ी आलोचना भी की.
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पंजाब सरकार को फिर लग सकती है कोर्ट की फटकार!
यह मामला अब भी किसान आंदोलन और सरकार के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है, और सोमवार को होने वाली सुनवाई में पंजाब सरकार की नियत और जिम्मेदारी पर एक बार फिर सवाल उठ सकते हैं. कोर्ट यह देखेगा कि पंजाब सरकार किस तरह से कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करती है.