सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें आचार संहिता उल्लंघन के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. मामला 2014 का है. HC ने केजरीवाल की आरोप मुक्त करने की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. केजरीवाल ने कहा था कि जो बीजेपी को वोट देगा, उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा.
केजरीवाल के खिलाफ कथित तौर पर इस विवादित बयान को लेकर केस दर्ज किया गया था. उनके खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत चुनाव आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में FIR दर्ज की गई थी. इसी मामले में जस्टिस राजेश सिंह चौहान की सिंगल बेंच ने सुल्तानपुर सेशन कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए केजरीवाल की अर्जी खारिज कर दी थी. केजरीवाल ने कथित तौर पर कहा था कि जो लोग 'खुदा' में विश्वास रखते हैं, अगर वे बीजेपी को वोट देते हैं तो 'खुदा' उन्हें माफ नहीं करेगा.
सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरथना की डबल बेंच ने सुनवाई की और मामले को तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है.
केजरीवाल पर 2014 लोकसभा चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन का मामला, SC में मई तक के लिए टली सुनवाई
'ऐसे शब्द का उच्चारण करना सभ्य नहीं है'
इससे पहले HC में जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि केजरीवाल ‘खुदा’ के नाम पर मतदाताओं को यह अच्छी तरह जानते हुए भी धमका रहे हैं कि अगर वह 'खुदा' शब्द का इस्तेमाल करते हैं, तो विभिन्न धर्मों के मतदाताओं के कुछ समूह गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं. बेंच ने यह भी कहा था कि प्रथम दृष्टया एक व्यक्ति के लिए, जो एक राज्य का मुख्यमंत्री है, किसी भी ऐसे वाक्य या शब्द का उच्चारण करना सभ्य नहीं है जिसका कोई छिपा अर्थ हो.
UP: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की अरविंद केजरीवाल की याचिका, जानें ये है मामला
केजरीवाल ने सुल्तानपुर में कुमार विश्वास के समर्थन में की थी सभा
दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुल्तानपुर सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ खुद को आरोप मुक्त किए जाने की गुहार लगाए हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष अर्जी लगाई थी. उसे ही विस्तृत सुनवाई के बाद जस्टिस राजेश सिंह चौहान ने खारिज कर दिया था. आरोप यह था कि साल 2014 में सुल्तानपुर में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुमार विश्वास के लिए चुनाव प्रचार करते हुए केजरीवाल ने ऐसे ही कई जुमले बोल कर चुनावी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया था. आरोप ये भी है कि उन्होंने भड़काऊ भाषण भी दिया था. इसके बाद अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के अलावा अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था.