बाहुबली मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को अंतरिम राहत देते हुए आर्म्स एक्ट केस में गिरफ्तारी से 4 हफ्ते की रोक लगा दी है. इतना ही नहीं कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से जवाब भी मांगा है.
सुनवाई के दौरान अब्बास अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने यूपी सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय राइफल संघ के सदस्य हैं. उनपर हथियार का लाइसेंस है. फिर भी केस दर्ज कर कार्रवाई हो रही है. निचली अदालत ने समन और गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. उनकी संपत्ति को सीज कर लिया गया.
क्या है मामला?
अब्बास अंसारी पर लखनऊ पुलिस को बगैर बताए शस्त्र लाइसेंस नई दिल्ली ट्रांसफर कराने का आरोप है. इसी को लेकर कोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया था. उन पर एक लाइसेंस पर धोखाधड़ी कर कई शस्त्र लेने का भी आरोप है. अब्बास अंसारी के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने 12 अक्टूबर 2019 को शस्त्र लाइसेंस को लेकर एक मामला दर्ज किया था. जिसकी जांच के बाद पुलिस ने धारा 467, 468, 471, 420 और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था.
एमपी/एमएलए कोर्ट की ओर से अब्बास अंसारी को भगोड़ा घोषित करने के बाद लखनऊ पुलिस ने अब्बास के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया था. अब्बास अंसारी की तलाश में लखनऊ पुलिस ने यूपी में अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी करने के साथ ही पंजाब और राजस्थान में भी धरपकड़ की कोशिश की गई थी. विधायक/सांसद की स्पेशल कोर्ट ने 14 जुलाई को अब्बास अंसारी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था. इसके बाद अब्बास अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.