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सीनियर एडवोकेट बनने का रास्ता खुला, सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल बाद शुरू की प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल बाद सीनियर एडवोकेट बनाने की प्रक्रिया के तहत आवेदन आमंत्रित किए हैं. इन पदों पर चयन के लिए समिति बनाई है. इस प्रतिष्ठित पद पर डेजिग्नेट करने के लिए वकीलों और न्याय और विधिवेत्ताओं से आवेदन मांगे गए हैं.

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supreme Court
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • SC ने पूरे 4 साल बाद मांगे आवेदन
  • चयन के लिए बनाई गई समिति

सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के बाद अब सीनियर एडवोकेट पद पर वरिष्ठ न्यायविदों को नामित करने के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं. सीनियर एडवोकेट पद के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड या 10 साल से ज्यादा समय से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों से आवेदन मांगे गए हैं.  जिन लोगों ने ये अधिसूचना जारी होने से पहले सीनियरशिप के लिए आवेदन कर रखा है उनको भी नए सिरे से आवेदन करना होगा. अभी वो लोग भी अर्जी दे सकते हैं जिनके पुराने आवेदन पर तब विचार नहीं हुआ या उन्हें सीनियर नहीं बनाया गया.

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सुप्रीम कोर्ट में चार 4 वर्ष बाद यह मौका आया है जब कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता पद पर चयन के लिए समिति बनाई है. इस प्रतिष्ठित पद पर डेजिग्नेट करने के लिए वकीलों और न्याय और विधिवेत्ताओं से आवेदन मांगे गए हैं.

देश के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित निर्धारित प्रारूप में यह आवेदन 21 मार्च 2022 की शाम 4:30 बजे तक वरिष्ठ अधिवक्ताओं के पद पर चयन के लिए बनाई गई समिति के सचिवालय के पास जमा किए जा सकते हैं.  इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में हाईकोर्ट से सेवा निवृत्त सात न्यायाधीशों और 18 वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता पद पर नामित किया था.

वरिष्ठ अधिवक्ता बनने के बाद कोई भी वकील सीधे क्लाइंट से मुकदमा स्वीकार नहीं कर सकता. वह फिर हायर किए जाने पर सिर्फ कानूनी दलीलें देने अदालत में आते हैं. यानी सीनियर एडवोकेट बनने के बाद वह सीधे कोई वकालतनामा साइन नहीं करते. बिना वकालतनामे के वो देश की किसी भी अदालत में सीधे बहस कर सकते हैं. सीनियर एडवोकेट के गाउन और कोट भी अलग होते हैं.

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