मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी के वायरल वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसी घटनाएं पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. सीजेआई ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है.
चीफ जस्टिस ने कहा कि कल जो वीडियो सामने आया है, उसे देखकर वह स्तब्ध हैं. ऐसी घटनाएं पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि हिंसा में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना मानवाधिकारों और संवैधानिक अधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है. हम सरकार को इस पर कार्रवाई के लिए कुछ समय दे रहे हैं, नहीं तो फिर हम कार्रवाई करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या कदम उठाए गए?
कोर्ट ने कहा, "मणिपुर में यौन हिंसा को लेकर जो वीडियो सामने आया है, उससे काफी परेशान हैं. हम जानना चाहते हैं कि सरकार ने क्या कदम उठाए हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं. यह घोर संवैधानिक हिंसा है.
28 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सीजेआई ने कहा कि इस मामले में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को अदालत को अवगत कराया जाना चाहिए, ताकि अपराधियों पर ऐसी हिंसा के लिए मामला दर्ज किया जा सके. मीडिया में जो दिखाया गया है और वीडियो सामने आए हैं, वे घोर संवैधानिक उल्लंघन को दिखाते हैं. हम इस मामले में 28 जुलाई को सुनवाई करेंगे.
पीएम मोदी ने जताया दुख
मणिपुर के इस वीडियो पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, मणिपुर पर मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा है. जो घटना सामने आई है, किसी भी सभ्य समाज के लिए यह शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं कौन हैं, वे अपनी जगह पर हैं. लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.
पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से की अपील
पीएम ने कहा, मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत करें. खासकर हमारी माताओं और बहनों की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएं. घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो. इस देश में हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य सरकार में राजनीति से ऊपर उठकर के कानून व्यवस्था महत्व और नारी सम्मान होना चाहिए. मैं देशवासियों को भरोसा दिलाना चाहता हूं किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपनी पूरी शक्ति से एक के बाद एक कदम उठाएगा. मणिपुर में जो बेटियों के साथ हुआ है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता.
मुख्य आरोपी को मणिपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया
बता दें कि गुरुवार सुबह ही इस मामले में मणिपुर पुलिस ने मुख्य आरोपी को थॉउबल जिले से गिरफ्तार किया था. मुख्य आरोपी का नाम खुयरूम हेरादास (32) है. पुलिस ने उसकी पहचान वायरल हुए वीडियो से की है, जिसमें वह हरी टी-शर्ट पहने हुए दिखाई दे रहा है. इस वीडियो के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 12 टीमें लगाई गई हैं.
क्या है मणिपुर का ये पूरा मामला?
मणिपुर में पहली बार हिंसा भड़कने के एक दिन बाद यानी 4 मई की दोपहर करीब एक हजार लोग AK राइफल्स, SLR, इंसास और .303 राइफल्स जैसे हथियारों के साथ बी. फेनोम गांव में घुस गए थे. इस दौरान उन्होंने गांव में तोड़फोड़ की, संपत्तियां लूटीं और घरों को जला दिया. शिकायत के अनुसार, लोग जान बचाने के लिए भागने लगे. इस दौरान पांच लोग खुद को बचाने के लिए जंगल की ओर भाग गए. इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं. उनमें 56 वर्षीय एक व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी के अलावा 42 वर्षीय और 52 वर्षीय महिलाएं भी शामिल थीं.
दो पुरुषों की कर दी थी हत्या
जंगल में भागे हुए इन लोगों को नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की एक टीम ने रेस्क्यू किया. हालांकि, शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भीड़ ने नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किलोमीटर दूर टूबू के पास से पुलिस टीम की कस्टडी से उन्हें छीन लिया. भीड़ ने 56 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी. इसके बाद तीनों महिलाओं को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया. फिर 21 वर्षीय महिला का गैंगरेप किया गया. इस दौरान जब युवती के छोटे भाई ने उसे बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उसकी भी हत्या कर दी. इस दौरान एक महिला परिचित लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रही. वहीं गैंगरेप के बाद दोनों महिलाओं को सड़क पर घुमाया गया.