आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के खिलाफ यूपी के कई जिलों में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है.
साथ सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह पर भी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह से कहा कि आप सांसद हैं. आपको इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए था. आप लिमिट क्रॉस करेंगे तो कानून के मुताबिक आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा.
संजय सिंह की तरफ से वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कहा कि चूंकि संजय सिंह राज्यसभा सदस्य हैं, इसलिए अभियोजन के लिए राज्यसभा के सभापति से अनुमति ली जानी चाहिए थी. इस पर शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि दर्ज मामले में संजय सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
शीर्ष अदालत ने कहा कि यूपी सरकार को मुकदमा के लिए राज्यसभा के सभापति से संपर्क करना चाहिए. इस मामले की प्रकृति को देखते हुए इस पर तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता है. इस मामले पर अगली सुनवाई मार्च के दूसरे सप्ताह में होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह से पूछा कि आपके खिलाफ कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं. विवेक तन्खा ने बताय कि 14 जगहों पर एक जैसी एफआईआर दर्ज की गई हैं. यह राजनीतिक है. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि हमने नोटिस जारी किया है कि क्यों सभी एफआईआर को क्लब नहीं किया जाना चाहिए.
फिलहाल संजय सिंह को इन एफआईआऱ के मामले में गिरफ्तारी से राहत मिल गई है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि धर्म और जाति के बारे में बोलते समय आपको अधिक सावधान रहना चाहिए. आप समाज को जातियों और धर्म के आधार पर बांट नहीं सकते हैं.