सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को महाराष्ट्र के बीजापुर के आदिल शाही वंश के कमांडर अफजल खान के मकबरे के आसपास सरकारी जमीन पर बने कथित अनधिकृत ढांचों को ढहाये जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. जिस पर कोर्ट ने सतारा के जिलाधिकारी को दो हफ्ते में रिपोर्ट तलब करने के आदेश दिए हैं. दरअसल, सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर ही राज्य सरकार ने कदम बढ़ाया है. मकबरे के आसपास सरकारी जमीन पर बने कथित अनधिकृत ढांचों को गिराने का आदेश है. सरकारी जमीन पर बने कथित अनधिकृत ढांचों को हटाना जरूरी है. हाईकोर्ट का आदेश भी यही है.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सतारा के जिलाधिकारी दो हफ्ते में ATR यानी कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करेंगे. राज्य सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर अनधिकृत निर्माण हटाने का काम पूरा कर लिया गया है. महाराष्ट्र सरकार के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की तामील के लिए चलाई गई. इस कार्रवाई पर कोर्ट ने कभी स्टे नहीं लगाया था. वन भूमि पर बडे पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है.
कोर्ट के आदेश पर अब दो हफ्तो में रिपोर्ट दाखिल कर सतारा जिला कलेक्टर को बताना है कि अभी वहां की वर्तमान स्थिति क्या है. किस नियम के तहत निर्माण गिराया जा रहा है. अतिक्रमण और अवैध निर्माण की प्रकृति क्या थी? कोर्ट ने कहा है कि डीएम यह भी बताएं कि वन क्षेत्र की भूमि पर किसका अवैध कब्जा है.
याचिकाकर्ता के वकील निजाम पाशा ने आरोप लगाया कि उन्होंने कल गुरुवार दोपहर दो बजे सुप्रीम कोर्ट के सामने ये मामला उठाया था और स्थानीय प्रशासन को मेल कर सूचित भी किया. लेकिन प्रशासन ने रातभर तोड़फोड़ जारी रखी. इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि मकबरे को छुआ तक नहीं गया है. हाईकोर्ट के आदेश और कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक अवैध निर्माण गिराए गए हैं.