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राहुल गांधी को 'सुप्रीम राहत' के बाद क्या बोले पूर्णेश मोदी?

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं. फैसले के बाद पूर्णेश मोदी से मीडिया ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत दी. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने अब राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के साथ ही सुनाई गई सजा पर भी रोक लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन के लिए भी कई मायनों में अहम है.

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कोर्ट के फैसले का सम्मानः पूर्णेश मोदी
उधर, जहां एक तरफ इस फैसले से कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन वाले खेमे में खुशी की लहर है, तो वहीं भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और आगे सेशंस कोर्ट में जो भी प्रक्रिया चलेगी, वहां इस मामले की कानूनी जंग समाज (मोदी समाज) मिलकर लड़ेगा. सु्प्रीम कोर्ट से दोषसिद्धि पर रोक लगाने के फैसले के बाद पूर्णेश मोदी से मीडिया ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. 

पूर्णेश मोदी ने कही ये बात
मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए पूर्णेश मोदी ने कहा कि, 'राहुल गांधी ने मोदी नामधारी, मोदी सरनेमधारी, मोदी समाज, मोदी कास्ट इन सभी का अपमान किया था. उनके इस कृत्य को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. 2023 में सभी प्रक्रियाओं के बाद राहुल गांधी के खिलाफ फैसला आया. राहुल गांधी ने उस सजा पर रोक के लिए सूरत सेशंस कोर्ट में कन्विक्शन स्टे याचिका लगाई थी, लेकिन उन्हें स्टे नहीं मिला और फैसला हमारे पक्ष में आया.

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इसके बाद वह कन्वेक्शन स्टे के लिए हाईकोर्ट गए. लेकिन गुजरात हाईकोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली और यहां भी हाईकोर्ट ने स्टे नहीं दिया. इसके बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अब कन्विक्शन स्टे लागू किया है. इसके बाद पूर्णेश मोदी ने कहा कि, हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. बाद में इस मामले में सेशंस कोर्ट में जो भी ये मुकदमा चलने वाला है. वहां समाज की ओर से कानूनी जंग लड़ाई जाएगी.

इस दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए भाजपा विधायक के वकील ने कहा कि, कोर्ट ने इस आधार पर सजा पर रोक लगाई है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सेशंस कोर्ट के आदेश में अधिकतम सजा क्यों दी जा रही है, यह स्पष्ट नहीं है. 

23 मार्च को राहुल गांधी को हुई थी सजा
बता दें कि, सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिया था. इसके साथ ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद राहुल ने गुजरात HC में याचिका लगाकर निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. 4 महीने, 4 फैसले और चार झटके... मोदी सरनेम मानहानि मामले में अब तक क्या-क्या हुआ? याचिका खारिज होने पर राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट के दोष पर रोक लगाने से इनकार करने वाले फैसले के खिलाफ केस किया है. सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार दिया था, साथ ही दो साल की सजा भी सुनाई थी. 

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पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट किया था दाखिल
निचली अदालत ने राहुल को जमानत तो दे दी थी, लेकिन दोषी करार दिए जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. दोष सिद्धि पर रोक न लगने की वजह से राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई थी. इस मामले में राहुल गांधी से पहले ही शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया था. पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि बिना उनका पक्ष को सुने कोर्ट कोई आदेश पारित ना करे.

राहुल गांधी की अयोग्यता सस्पेंड
राहुल गांधी की अयोग्यता तत्काल प्रभाव से सस्पेंड संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि कोर्ट के दोषसिद्धि पर रोक लगाने के साथ ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता से अयोग्यता तत्काल प्रभाव से सस्पेंड हो गई है. इसका मतलब है कि वे फिर से संसद के सदस्य हैं. किसी को इसके लिए अप्रोच करने की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश लोकसभा सचिवालय पहुंचेगा और इसके बाद अयोग्यता के संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. लोकसभा सचिवालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर कहा जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राहुल गांधी की संसद सदस्यता से अयोग्यता सस्पेंड कर दी गई है. हालांकि, इसके लिए किसी तरह की समय सीमा निर्धारित नहीं है.
 

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