समलैंगिक शादियों को मान्यता देने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट विचार करने के लिए तैयार हो गया है. SC ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर इस संबंध में रुख साफ करने के लिए भी कहा है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी और ये तय करेगी कि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिकों की शादी को भी मान्यता दी जाए या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में हैदराबाद निवासी दो समलैंगिक युवकों ने याचिका दायर की है और शादी को मान्यता देने की मांग की है. इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट नीरज किशन कौल ने बताया कि ये मामला केरल हाईकोर्ट में भी लंबित है. ASG ने सूचित किया है कि वहां ट्रांसफर याचिका लगाएंगे.
लोगों के सामने उत्तराधिकार सौंपने की चिंता
इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई का सीधा प्रसारण करने की भी गुहार लगाई गई है. याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये अर्जी नवतेज जौहर और पुत्तास्वामी मामले में दिए गए कोर्ट के फैसले को आगे बढ़ाती है. ये उत्तराधिकार के मुद्दे पर जीवंत मसला है, क्योंकि समलैंगिक संबंधों के आधार पर जीवन यापन कर रहे लोग बुजुर्ग होते जा रहे हैं, उनके सामने भी अपने उत्तराधिकारी यानी विरासत सौंपने की चिंता है.
केरल हाईकोर्ट ने ये कहा है...
बेंच ने पूछा कि केरल हाई कोर्ट ने इस संबंध में क्या कहा था? नीरज किशन कौल ने बताया कि बैंक का साझा खाता, सरोगेसी के जरिए संतान, ग्रेच्युटी समेत सभी मुद्दों को ध्यान में रखे जाने की बात कही गई है.