कोविड के इलाज के दावे पर पतंजलि विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के माफीनामे से असंतुष्टि जताई है. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ समाचार एजेंसी को माफीनामा भेज देने से आपकी जिम्मेदारी पूरी नहीं होगी. आपको अपने खर्च पर उन सभी अखबारों और समाचार माध्यमों में प्रमुखता से अपना माफीनामा प्रकाशित कराना होगा, जहां-जहां आपका वो विवादित बयान छपा था.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि ऐसे माफीनामे प्रकाशित कराकर आप अपने लिए और समस्या खड़ी कर रहे हैं. कोर्ट अब 27 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगा. कोर्ट ने आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर असोकन के वकील पीएस पटवालिया से कहा कि अगली सुनवाई से पहले डॉक्टर असोकन को अवमानना की कार्यवाही से बचने के लिए समुचित इंतजाम कर लेने चाहिए.
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जिन अखबारों में छपा इंटरव्यू, वहां छापें माफीनामा
सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर आरवी असोकन द्वारा मांगी गई माफी की प्रकृति और तौर तरीके पर नाराजगी जताते हुए कहा कि डॉक्टर असोकन को उन सभी अखबारों में अपने खर्च पर वो माफीनामा प्रकाशित करवाना होगा, जिन-जिनमें उनका वह साक्षात्कार छपा था.
अपने पैसे से माफीनामा छपवाने का निर्देश
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आपको अपने पैसे से माफीनामा छपवाना होगा. न कि आईएमए के पैसे से. पीठ ने कहा कि आईएमए अध्यक्ष प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को माफी भेजकर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकते. माफीनामे को उन सभी अखबारों में प्रकाशित किया जाना चाहिए, जिनमें उनका साक्षात्कार था.
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सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार, माफी मांगने को कहा
दरअसल, डॉक्टर असोकन ने एक न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट पर उन्होंने कुछ टिप्पणी की थी, जो उचित नहीं थी. उस पर अदालत ने उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए माफी मांगने को कहा था.