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चुनावी वादे पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार, कहा- 'फैक्ट के साथ बेहतर याचिका दाखिल करें'   

चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा की जाने वाली घोषणाओं पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई से इनकार कर दिया है. अदालत ने याचिकाकर्ता को मजबूत फैक्ट के साथ बेहतर याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका पर फिलहाल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है, जिसमें चुनाव में मुफ्त सुविधाओं के वादे पर रोक लगाने की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले वादे मतदाताओं को रिश्वत देने जैसा है. ये स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में बाधा भी डालता है.

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सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि वो ठोस तथ्यों के साथ बेहतर तरीके से याचिका दाखिल करें. 

इस याचिका में कहा गया है कि चुनाव के वक्त विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से की जाने वाली यह घोषणाएं मतदाताओं को रिश्वत देने जैसा है. यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में बाधा भी डालता है. साथ ही सबको समान अवसर देने यानी लेवल प्लेइंग फील्ड के सिद्धांत का भी उल्लंघन है.

याचिका में दिल्ली चुनाव का जिक्र

याचिका में हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वारा महिलाओं को लेकर की जाने वाली मुफ्त सुविधाओं और उनके बैंक खाते में नकदी जमा देने की घोषणाओं का भी हवाला दिया गया है.

याचिका में कहा गया है कि कोर्ट निर्वाचन आयोग को निर्देश दे कि गैरवाजिब सुविधाओं का वायदा करने या देने वाली राजनीतिक पार्टियों की मान्यता रद्द करें. या फिर सरकार इसे रोकने के लिए संसद में कानून बनाए.

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'दाखिल करेंगे नई अर्जी'

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह ने कहा कि वो अर्जी वापस न लेने पर इसे खारिज करना चाहते हैं. इसके बाद याचिकाकर्ता ने अर्जी वापस ले ली. याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक नई अर्जी दाखिल करेंगे.

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