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'हमें सख्त फैसले लेने को मजबूर न करें...' जजों की नियुक्ति के मामले में सरकार पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख 

केंद्र की ओर से एजी ने कहा हम कॉलेजियम की सिफारिशों पर निर्णय कर रहे हैं. इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि हम कर रहे हैं और हम करेंगे, दोनों में फर्क होता है. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले में 13 फरवरी को सुनवाई होगी.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट और SC में कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद जजों की नियुक्ति में देरी के मामले में केंद्र सरकार को फटकार लगाई. शीर्ष अदालत ने जजों की नियुक्ति पर फैसला लेने के लिए सरकार को 5 दिन का समय दिया. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार हमें सख्त फैसले लेने को मजबूर न करे. 

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उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद केंद्र सरकार ने कहा कि हम रविवार तक फैसला लेंगे. सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट में खाली पदों की भर्ती पर रविवार तक फैसला हो जाएगा. अब इस मामले में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की अदालत में 13 फरवरी को सुनवाई होगी.  

SC से मिले 13 प्रस्ताव: केंद्र

केंद्र की ओर से एजी ने कहा हम कॉलेजियम की सिफारिशों पर निर्णय कर रहे हैं. इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि हम कर रहे हैं और हम करेंगे, दोनों में फर्क होता है. कोर्ट में सुनवाई की शुरुआत में अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणि ने  कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से हमारे पास 13 प्रस्ताव आए हैं. जस्टिस कौल ने कहा कि हमारे पास जो था वो हमने आपको भेज दिया है. अब हमारे पास कुछ भी लंबित नहीं है.  

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केंद्र का रवैया परेशान करने वाला: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि आपका रवैया  हमारे लिए परेशान करने वाला है. हाई कोर्ट में जजों के तबादले की हमारी सिफारिशों पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ.  जब हमें लगता है कि किसी जज को किसी वजह से A कोर्ट या B कोर्ट में होना चाहिए तभी हम सिफारिश करते हैं, लेकिन आप उसे भी लटकाए रखते हैं. ये गंभीर मुद्दा है. 

 

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