सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को चुनाव में मुफ्त योजनाओं को लेकर सुनवाई हुई. सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता में पीठ सुनवाई कर रही थी. देश में इस फ्री योजनाओं को लेकर छिड़ी बहस पर अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई ने अपने ससुर से जुड़ा हुआ एक किस्सा सुनाया.
सीजेआई ने बताया कि उनके ससुर एक किसान हैं और कई साल पहले वो बिजली का कनेक्शन चाहते थे, लेकिन सरकार ने नए बिजली कनेक्शन पर रोक लगा दी थी. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या हम याचिका दायर कर सकते हैं? उसके बाद एक दिन सरकार ने फैसला लिया और जिन लोगों का अवैध बिजली कनेक्शन था, उन्हें नियमित कर दिया गया. कतार में लगे लोगों को छोड़ दिया गया. मैं अपने ससुर को कोई जवाब नहीं दे सका. हम क्या संदेश दे रहे हैं? अवैध काम करने वालों को फायदा हो रहा है.
इस मामले में कपिल सिब्बल ने भी एक महिला का उदाहरण देते हुए कहा कि यह बहुत ही जटिल मुद्दा है. सिब्बल ने कहा कि जब सड़क पर चलने वाली एक महिला से उन्होंने पूछा कि कैसे यात्रा करती हैं तो उसने बताया कि बस की यात्रा मुफ्त है. इसलिए मुझे समझ नहीं आता कि फ्री योजना महत्वपूर्ण है या परिवहन क्षेत्र के नुकसान पर विचार करने की आवश्यकता है.
SG ने कमेटी बनाने का दिया प्रस्ताव
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि इस मामले पर किसी प्रकार का श्वेत पत्र होना चाहिए. बहस होनी चाहिए. अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है और लोगों का कल्याण, दोनों को संतुलित करना होगा. इसलिए हम कुछ समिति चाहते हैं. इसके बाद सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हम एक कमेटी का प्रस्ताव करते हैं, जिसमें सचिव केंद्र सरकार, सचिव राज्य सरकार, प्रत्येक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि, नीति आयोग के प्रतिनिधि, आरबीआई, वित्त आयोग, राष्ट्रीय करदाता संघ शामिल किए जा सकते हैं.
17 अगस्त को अगली सुनवाई
गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार भी लगाई. कोर्ट ने कहा कि आपका हलफनामा हमें नहीं मिलता, लेकिन अखबारों में छप जाता है. वहीं अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को पक्षकार बना लिया है. अब इस मामले में 17 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.