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'सड़कें साफ होनी चाहिए' SC की टिप्पणी के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस और किसान हुए आमने-सामने

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप किसी भी तरह विरोध करिए, लेकिन इस तरह सड़क रोक कर नहीं. कानून पहले से तय है. हमें क्या बार बार ये ही बताना होगा. जस्टिस एसके कौल ने कहा, सड़कें साफ होनी चाहिए. हम बार-बार कानून तय करते नहीं रह सकते. आपको आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन सड़क जाम नहीं कर सकते. अब कुछ समाधान निकालना होगा.

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गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेड हटाते राकेश टिकैत और अन्य किसान नेता
गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेड हटाते राकेश टिकैत और अन्य किसान नेता
स्टोरी हाइलाइट्स
  • SC ने कहा- किसी भी तरह विरोध करिए, सड़क रोक कर नहीं
  • किसान बोले- हमने सड़क को अवरोध नहीं किया

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को किसान आंदोलन के चलते बंद सड़कों को खुलवाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि विरोध-प्रदर्शन किसानों का अधिकार है, लेकिन सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है और इस संबंध में कोई संदेह नहीं होना चाहिए. इस पर किसान संगठनों के वकील दुष्यंत दवे ने कहा, सड़क को पुलिस ने बंद किया है. हमने नहीं. 

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इस मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी. कोर्ट में सुनवाई के बाद राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने बैरिकेड हटाए. उधर, दिल्ली पुलिस भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंची.

राकेश टिकैत ने कहा कि यह इस बात का सबूत है कि जो भी रोक-टोक सड़कों पर की गई है, वह हमारी ओर से नहीं, बल्कि प्रशासन और पुलिस की ओर से है. इसी दौरान जो टेंट सड़क पर खड़े थे, उन्हें भी खोलने का काम किसानों ने चालू कर दिया ताकि जब सात दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई हो तो किसान कह सकें कि उनकी तरफ से एंबुलेंस और बाकी वाहनों के लिए रास्ता साफ कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि जो भी दिक्कत है वह पुलिस की ओर से है ना कि किसानों की ओर से ताकि पुलिस पर दबाव बन सके कि वह गाजीपुर समेत तमाम दिल्ली के वोटरों पर रास्ता खोल दें. टिकैत ने यह भी कहा कि अगर रास्ता खुलेगा तो गाड़ियां आ जा सकेंगी और साथ ही साथ किसानों के लिए भी दिल्ली जाने का रास्ता खुल जाएगा जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है. रास्तों पर कोई भी रुकावट डालना सही नहीं है.

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रास्ता हमने नहीं दिल्ली पुलिस ने बंद किया- किसान यूनियन

उधर, भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट किया, किसानों भाइयों यह अफवाह फैलाई जा रही हैं कि गाजीपुर बॉर्डर खाली किया जा रहा है. यह पूर्णतया निराधार है. हम यह दिखा रहे हैं कि रास्ता किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने इसे बंद किया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप किसी भी तरह विरोध करिए, लेकिन इस तरह सड़क रोक कर नहीं. कानून पहले से तय है. हमें क्या बार बार ये ही बताना होगा. जस्टिस एसके कौल ने कहा, सड़कें साफ होनी चाहिए. हम बार-बार कानून तय करते नहीं रह सकते. आपको आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन सड़क जाम नहीं कर सकते. अब कुछ समाधान निकालना होगा. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम किसी बड़े मुद्दे में नहीं जाएंगे. ये मामला सड़क खुलवाने से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 43 किसान संगठनों को नोटिस भेजा था. जस्टिस कौल ने कहा, लेकिन इसके जवाब में भारत किसान यूनियन समेत सिर्फ 4 यूनियनों ने उपस्थिति दर्ज कराई. 

अन्य कारणों के लिए हो रहा आंदोलन

सरकार की ओर से पेश तुषार मेहता ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, कषि कानूनों पर कोर्ट पहले ही रोक लगा चुकी है. इसके बावजूद आंदोलन हो रहा है. कभी कभी आंदोलन  वास्तविक कारण के लिए नहीं बल्कि अन्य कारणों के लिए होते हैं. क्या कृषि कानून एक परोक्ष मुद्दा है? ये किसानों की सच्चाई पर सवाल उठा रहे हैं. 

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