जस्टिस बी.आर. गवई के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के जजों का 6 सदस्यीय डेलिगेशन शनिवार को जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में मौजूदा हालातों का जायजा लेने राज्य के दौरे पर पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल में न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश, न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर शामिल हैं. सभी जज इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर गए. मणिपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी. कृष्णकुमार और जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलू ने सुप्रीम कोर्ट के जजों का इंफाल में स्वागत किया.
सर्वोच्च न्यायालय के प्रतिनिधिमंडल ने 27 असम राइफल्स के कैंप में ब्रेकफास्ट किया और यहां से चुराचांदपुर के राहत शिविर के लिए रवाना हुए. सुप्रीम कोर्ट के जजों के प्रतिनिधिमंडल में मणिपुर के न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह भी शामिल हैं. वह इंफाल में ही रहे और अन्य न्यायाधीशों के साथ चुराचांदपुर नहीं गए. बता दें कि चुराचांदपुर कुकी समुदाय की बहुलता वाला जिला है और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह मैतेई समुदाय से आते हैं. मणिपुर में इन्हीं दो समुदायों के बीच विगत दो वर्षों से जातीय हिंसा छिड़ी हुई है, जिसकी वजह से राज्य में अशांति का माहौल है.
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न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह के दौरे से पहले चुराचांदपुर बार एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर कहा था कि, 'शांति और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में, मैतेई समुदाय के जज हमारे जिले में कदम नहीं रखेंगे, भले ही उनका नाम सुप्रीम कोर्ट के 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हो.' इसी कारण से मणिपुर हाई कोर्ट के दो न्यायाधीश, जस्टिस डी. कृष्णकुमार और जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलू, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के साथ चुराचांदपुर नहीं गए, क्योंकि वे भी मैतेई समुदाय से आते हैं.
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority) के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी.आर गवई मणिपुर के सभी जिलों में लीगल सर्विस कैंप और मेडिकल कैंप का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे, साथ ही इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और उखरूल जिलों में नए लीगल एड क्लीनिक का भी उद्घाटन करेंगे