सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा पर लगे आरोपों की जांच के लिए प्रक्रिया शुरू की है. सबसे पहले दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी जा रही है. कानून के जानकारों के मुताबिक, किसी हाई कोर्ट के जज पर कोई कदाचार का आरोप लगे, तो सबसे पहले संबंधित हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से रिपोर्ट मांगी जाती है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस कन्नन सहित कई जजों के मामले में यही प्रक्रिया चली थी. अगर आरोप सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ हों, तो इन-हाउस कमेटी का गठन सीधे सीजेआई की पहल पर किया जाता है.
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले की सिफारिश की है. इसके पीछे की वजह है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग लगी थी, जिसको बुझाने गई टीम को वहां पर भारी मात्रा में कैश मिला. इसके बाद चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाले तीन वरिष्ठतम जजों के कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को वापस उनके मूल हाई कोर्ट यानी इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश की है.
भारी मात्रा में कैश मिलने के बाद हड़कंप मच गया. मामले की सूचना मिलने के बाद CJI संजीव खन्ना की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनको फिर से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का फैसला किया है.
वापस जाएंगे इलाहाबाद हाई कोर्ट
सूत्रों के मुताबिक, जब आग लगी तब जस्टिस वर्मा शहर में नहीं थे. उनके परिवार के सदस्यों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को बुलाया था. आग बुझाने के बाद दमकल कर्मियों ने बंगले के कमरों के अंदर भारी मात्रा में नकदी रखी हुई पाई.
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इसके बाद रिकॉर्ड बुक में बेहिसाब कैश बरामद होने का आधिकारिक रिकॉर्ड दर्ज हुआ. CJI को घटना के बारे में जानकारी दी गई, इसके बाद कॉलेजियम की बैठक में सबसे पहले उनको इलाहाबाद भेजने की सिफारिश की गई
इमरजेंसी में हुई मीटिंग
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट जज के तबादले की सिफारिश के लिए आपात बैठक की और इसमें ट्रांसफर की सिफारिश की गई. सूत्रों के मुताबिक, जज के खिलाफ रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार को आपात कॉलेजियम की बैठक बुलाई गई. इन-हाउस जांच पर भी विचार किया जा रहा है. अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, तबादले से संबंधित प्रस्ताव को जानबूझकर अपलोड नहीं किया गया है.
ट्रांसफर के अलावा होगी जांच
जस्टिस यशवंत वर्मा को अक्टूबर 2021 में इलाहाबाद से दिल्ली हाई कोर्ट में भेजा गया था. अब उनको वापस भेजने की सिफारिश के साथ उनके खिलाफ जांच और महाभियोग की प्रक्रिया तक चलाए जाने की चर्चा उठ रही है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के कुछ सदस्यों ने इस पूरे घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर जस्टिस वर्मा का सिर्फ तबादला किया जाता है, तो इससे न्यायपालिका की छवि धूमिल होगी.