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'पक्ष कोई भी हो, सभी के साथ एक जैसा व्यवहार हो', हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

जस्टिस खन्ना ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि मैंने तहसीन पूनावाला के मामले में 2018 के फैसले और कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को पढ़ा है. मुझे उम्मीद है कि दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन किया जा रहा है.

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सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को लेकर सख्त टिप्पणी की है
सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को लेकर सख्त टिप्पणी की है

सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में साफ तौर पर कहा कि चाहे एक पक्ष हो या दूसरा... सभी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने हेट स्पीच वाले भाषणों पर अंकुश लगाने के निर्देश देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की. इसमें हाल ही में हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार का आह्वान करने वाले हिंदू संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की याचिका भी शामिल है.

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एक वकील ने बेंच के सामने दावा किया कि केरल की एक राजनीतिक पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने जुलाई में एक रैली आयोजित की थी जहां "हिंदुओं की मौत" जैसे नारे लगाए गए थे. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम बहुत स्पष्ट हैं. पक्ष कोई भी हो... इस तरफ या उस तरफ, लेकिन सभी के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए और कानून अपना काम करेगा. 

कोर्ट ने कहा कि अगर कोई किसी ऐसी घटना में शामिल होता है, जिसे हम हेट स्पीच के रूप में जानते हैं, तो उनसे कानून के अनुसार निपटा जाएगा. हम पहले भी इस मामले में अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं. जस्टिस खन्ना ने कहा कि समय की कमी के कारण बेंच आज मामले पर आगे सुनवाई नहीं कर पाएगी. कोर्ट ने कहा कि हेट स्पीच वाले भाषण के सभी मामलों की सुनवाई अगले शुक्रवार को की जाएगी.

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जस्टिस खन्ना ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से कहा कि मैंने तहसीन पूनावाला के मामले में 2018 के फैसले और कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को पढ़ा है. मुझे उम्मीद है कि दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन किया जा रहा है. प्रमुख याचिकाकर्ताओं में से एक शाहीन अब्दुल्ला की ओर से पेश हुए वकील निज़ाम पाशा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नफरत का कोई पक्ष नहीं है. एडवोकेट निजाम पाशा ने दावा किया कि IUML रैली में हिंदुओं के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिए गए थे.

 

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