भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. ये पहलवान उत्पीड़न की जांच के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को लेकर रविवार से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं. पहलवानों की ओर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में FIR दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया है. इस याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी. उधर, पहलवानों के आरोपों से जुड़े सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह चुप्पी साध गए. हालांकि, उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में गया है, तो कोर्ट ही तय करेगा. उधर, खाप पंचायतें भी जंतर मंतर पर पहलवानों का साथ देने पहुंचने लगी हैं.
बृजभूषण शरण सिंह से जब पूछा गया कि पहलवानों ने उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस पर उन्होंने कहा, ''चिंता मत करिए, चिंता मत करिए...बैठक बहुत बढ़िया हुई, सब चुनाव जीत रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में मामला है, तो क्या बोला जाए. मामला सुप्रीम कोर्ट में है, वही तय करेगा.''
बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में अवध प्रांत की बैठक के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उनसे पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, पार्टी की बैठक के लिए आया हूं . बीजेपी सभी निकाय और नगर निगम चुनाव में जीत रही है.
- धरने पर बैठे पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान बजरंग पूनिया ने कहा, शिकायत करने वाली 7 महिला रेसलर्स की एकता को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. इतना ही नहीं शिकायत करने वाली महिला पहलवानों की जान को भी खतरा है.
- कुश्ती संघ के लोग शिकायतकर्ताओं के घर पहुंच रहे हैं, उन्हें पैसे का लालच दे रहे हैं. अगर शिकायतकर्ताओं को कुछ होता है, तो दिल्ली पुलिस और सरकार इसके लिए जिम्मेदार होंगे. उन्होंने कहा, हमने सरकार से छुट्टी ली है. विरोध करना हमारा अधिकार है. सभी का धरना स्तर पर स्वागत है. यहां तक की बीजेपी का भी. यहां कोई वोट मांगने के लिए नहीं आ रहा है. इस धरने का चुनाव से कोई संबंध नहीं है. हम यहां राजनीति करने नहीं आए हैं. न ही हमें एमपी, विधायक बनना है. सभी रेसलर हमारे साथ हैं. जब तक बृजभूषण सिंह को उनके कामों के लिए सजा नहीं मिल जाती, हम धरने से नहीं उठेंगे.
- पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, बबीता फोगाट ने साफ तौर पर कहा है कि रिपोर्ट पर साइन कराने के लिए उनपर दबाव डाला गया. उन्हें रिपोर्ट पढ़ने तक नहीं दी गई. अगर वे धरना देने वालों के परिवार से हैं तो उन्हें समिति में क्यों शामिल किया गया? हम सीजेआई को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है.
- रेसलर विनेश फोगाट ने कहा, हम महिला पहलवान सुप्रीम कोर्ट की हमेशा आभारी रहेंगी. कानूनी व्यवस्था में हमारा विश्वास और मजबूत हुआ है. कपिल सिब्बल भी हमारे लिए लड़ रहे हैं. विनेश फोगाट ने कहा, सुप्रीम कोर्ट कहेगा तो हम कोर्ट में भी पेश होंगे.
दरअसल, 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर से ऐसी तस्वीर सामने आई थी, जिसने सभी को चौंका दिया था. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम कर चुके करीब 20 रेसलर्स ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. रेसलर्स के पास महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोपों की लंबी लिस्ट थी. प्रदर्शन करने वाले पहलवानों में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, सरिता मोर और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल थे.
इसके बाद खेल मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया था. मंत्रालय की सिफारिश पर पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. इस दौरान मंत्रालय की ओर से यौन उत्पीड़न समेत लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था. अब तीन महीने बाद रविवार यानी 23 अप्रैल को पहलवानों ने फिर से मोर्चा खोल दिया.
पहलवानों ने अब खेल मंत्रालय द्वारा बनाई गई कमेटी पर भी सवाल उठाए हैं. विनेश फोगाट ने बताया था, मंत्रालय और कमेटी से तीन महीने से जवाब मांगने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन न वक्त मिल रहा है और न ही जवाब. अध्यक्ष ब्रजभूषण के लिए कहा कि नहीं पता उनको बचाने के लिए कौन लोग उनका साथ दे रहे हैं. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और मौजूद सभी पहलवानों ने कहा कि, कमेटी की रिपोर्ट सबमिट हो गई, लेकिन रिपोर्ट में क्या है कमेटी को बताना चाहिए. कमेटी क्या कर रही है, क्या नहीं हमें नहीं पता.
इतना ही नहीं पहलवानों ने ब्रजभूशण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है. इसी मांग को लेकर पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. कोर्ट ने याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया है. पहलवानों ने कहा कि उन्होंने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दी थी, लेकिन इसके आधार पर एक्शन नहीं लिया गया.
उधर, पहलवानों की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने जल्द मामले की सुनवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा, एक नाबालिग समेत सात पहलवानों ने कथित यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं लेकिन इस पहलू पर कानून बहुत स्पष्ट होने के बावजूद अब तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है. सिब्बल ने कहा, इस मामले में कमेटी बनाई गई थी, इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेंगे.