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असम-त्रिपुरा पर TMC की नजर, सुष्मिता देव को इसलिए साथ लाएंगी ममता बनर्जी?

सुष्मिता देव के पिता संतोष मोहन देव की असम में अच्छी पकड़ रही है. वह राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे. पिता के बाद सुष्मिता देव ने भी लोकसभा में कांग्रेस की टिकट पर सिल्चर सीट से जीतकर सांसद रह चुकी हैं.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने कांग्रेस छोड़ी
  • सुष्मिता देव फिलहाल महिला कांग्रेस की अध्यक्ष थीं

सुष्मिता देव ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा (sushmita dev leaves congress) दे दिया है. अब वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई हैं. सुष्मिता देव को TMC द्वारा चुने जाने के पीछे कुछ खास वजह हैं जो सामने आई हैं. दरअसल, सुष्मिता देव की मदद से TMC अन्य राज्यों में अपने विस्तार की योजना बना रही है, जिसमें सबसे पहले उसकी नजर असम और त्रिपुरा पर है.

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सुष्मिता देव के पिता संतोष मोहन देव की असम में अच्छी पकड़ रही है. वह राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे. पिता के बाद सुष्मिता देव ने भी लोकसभा में कांग्रेस की टिकट पर सिल्चर सीट से जीतकर सांसद रह चुकी हैं.

बंगाल के बाहर विस्तार करना चाहती है TMC

TMC बंगाल के बाहर खुद का विस्तार करना चाहती है. पार्टी को लगता है कि त्रिपुरा और असम में उसका स्कोप है, जहां उसे सफलता मिल सकती है. दरअसल, असम के बराक घाटी में बंगाली भाषी लोग हैं वहीं त्रिपुरा में भी बंगाली लोगों की संख्या अच्छी है.

ऐसे में पार्टी को असम के किसी नेता की तलाश थी जो उनकी पार्टी का वहां नेतृत्व कर सके. TMC ने रायजोर दल के मुखिया अखिल गोगोई को भी अपने साथ मिलाने की कोशिश की थी. उनके साथ बातचीत के दो राउंड भी हुए थे. TMC ने उनको असम में पार्टी की कमान संभालने की पेशकेश भी की थी. लेकिन गोगोई की तरफ से कोई खास जवाब नहीं आया. इसके बाद सुष्मिता देव से बात की गई, जो कि बनती नजर आ रही है.


 

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