दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत कोर्ट ने 6 जुलाई तक बढ़ा दी है, बिभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है. बिभव कुमार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उनकी न्यायिक हिरासत 6 जुलाई तक बढ़ा दी.
बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. मजिस्ट्रेट अदालत ने उसी दिन उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. बिभव ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी के कारण उनकी अग्रिम जमानत याचिका निरर्थक हो गई है. 24 मई को उन्हें 4 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, जिसके बाद उन्हें फिर से तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई थी.
इससे पहले 14 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. बिभव ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था. अपनी जमानत याचिका में बिभव कुमार ने कहा है कि उन्हें पहले ही अनुचित कारावास की सजा दी जा चुकी है. अब तक वे 25 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं.
जमानत याचिका में आरोप लगाया गया था कि स्वाति मालीवाल की कथित चोटों को एमएलसी रिपोर्ट द्वारा झूठा साबित किया गया है, जो उनके बयान की पुष्टि नहीं करती है. उन्होंने अपनी याचिका में इसे आपराधिक मशीनरी के दुरुपयोग और छलपूर्ण जांच का मामला बताया है, क्योंकि बिभव और स्वाति मालीवाल दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
बिभव कुमार ने अपनी याचिका में कहा कि सिर्फ स्वाति मालीवाल के मामले की जांच की जा रही है, क्योंकि वह प्रभावशाली हैं और राज्यसभा सांसद हैं. याचिका में दावा किया गया है कि बिभव ने स्वाति द्वारा किए गए उल्लंघन के बारे में शिकायत दी थी, इस पर कोई जांच नहीं की जा रही है. सीसीटीवी में स्वाति के मौजूद रहने के दौरान पूरे समय उनकी ओर से धमकियां दी गई थी.