तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी का मामला सामने आने के बाद पूरे देश में इस मामले ने तूल पकड़ा हुआ है. इस बीच आंध्र प्रदेश साधु परिषद के अध्यक्ष स्वामी श्रीनिवासनंद सरस्वती ने कहा,'हम आंध्र प्रदेश के सीएम और डिप्टी सीएम से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे प्रसाद में मिलावट करने वाले दोषियों को दंडित करने के लिए जरूरी कदम उठाएं. वे टीटीडी बोर्ड के सदस्य भगवान वेंकटेश्वर के भक्त नहीं हैं.
उन्होंने आगे कहा,'वे व्यवसायी और राजनीतिक नेता हैं. उनके खिलाफ उच्च न्यायालय और स्थानीय अदालतों में कई मामले लंबित हैं. जब ऐसे लोगों को टीटीडी सदस्य नियुक्त किया जाता है तो हम हिंदुओं और वेंकटेश्वर के लिए न्याय की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? हर भक्त इसकी निंदा करता है. इसलिए हम सीएम से टीटीडी के अध्यक्ष और टीडीडी समिति की नियुक्ति करने का अनुरोध करते हैं.'
जानवरों की चर्बी के मुद्दे पर मचा है हंगामा
बता दें कि आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी के लड्डुओं के घी में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी की बात से हंगामा मचा हुआ है. आंध्र प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि जिस घी से लड्डू तैयार किए जाते हैं, उसमें मिलावट पाई गई है. ये मिलावट पिछली सरकार के दौरान दिए गए घी के ठेके के चलते हुई. इसको लेकर मंदिर समिति तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने कहा है कि जिस ब्लैक लिस्टेड सप्लायर के घी में मिलावट मिली है, उसे पूर्व की जगन मोहन सरकार के दौरान ठेका दिया गया था.
केंद्र ने आंध्र सरकार से मांगी है रिपोर्ट
इन आरोपों पर केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है और जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया है. लेकिन इस खुलासे के बाद एक तरफ देश भर में सनातनियों के बीच आक्रोश का भाव नजर आ रहा है. भोपाल जैसे कुछ शहरों में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक अर्जियां दी जा रही हैं. दूसरी ओर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप भी जारी हैं. बीजेपी नेता ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है कांग्रेस ने सीएम नायड़ू पर सवाल खड़े किए हैं कि तीन महीने तक सीएम ने खुलासा क्यों नहीं किया.