आफ़गानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान की वापसी के बाद से ही वहां की सरकार तालिबान द्वारा ही चलाई जा रही है. तालिबान सरकार के एक अधिकारी ने रविवार को जानकारी दी कि तालिबान ने अफगानिस्तान के दो चुनाव आयोगों को भंग कर दिया है. इसके साथ-साथ शांति और संसदीय मामलों के मंत्रालय भी भंग कर दिए गए हैं.
एजेंसी के मुताबिक, तालिबान द्वारा संचालित अफगानिस्तान की सरकार के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि देश के स्वतंत्र चुनाव आयोग और चुनाव शिकायत आयोग को भंग कर दिया गया है. अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन संस्थानों की ज़रूरत नहीं है. अगर भविष्य में आयोगों की जरूरत पड़ी, तो तालिबान सरकार उन्हें फिर से बना लेगी.
दोनों चुनाव आयोगों के पास, राष्ट्रपति, संसदीय और प्रांतीय परिषद चुनावों सहित, देश में सभी तरह के चुनावों को कराने और उसकी निगरानी की ज़िम्मेदारी थी.
दो मंत्रालय भी भंग किए गए
करीमी ने कहा कि तालिबान ने शांति मंत्रालय और संसदीय मामलों के मंत्रालय को भी भंग कर दिया है. सरकार के मौजूदा ढांचे में कुछ मंत्रालय गै़र-ज़रूरी हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी अफगानिस्तान के नए शासन को औपचारिक मान्यता नहीं दी गई है. ऐसी आशंका है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दिए गए अपने आश्वासन के बावजूद, तालिबान वैसे ही सख्त कदम उठा सकता है जो उसने 20 साल पहले सत्ता में रहते हुए उठाए थे. बता दें कि तालिबान ने इससे पहले महिला मामलों के मंत्रालय को भी बंद कर दिया था.