तमिलनाडु में एक सरकारी अधिकारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी का नाम अंकित तिवारी बताया जा रहा है.
तमिलनाडु पुलिस ने डिंडीगुल-मदुरई हाईवे पर तिवारी की कार का आठ किलोमीटर तक पीछा कर उसे गिरफ्तार किया. आरोपी को 15 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस गिरफ्तारी के बाद डिंडीगुल में उसके घर पर छापेमारी की.
सूत्रों का कहना है कि इस मामले की जांच से पता चलता है कि इस केस में मदुरई और चेन्नई से ईडी के कई अधिकारी शामिल हैं. तिवारी कई लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे करोड़ों की उगाही कर रहा था. इतना ही नहीं वह रिश्वत की इस रकम को अन्य ईडी अधिकारियों में भी बांटता था.
सरकारी कर्मचारी से उगाही कर रहा था
अंकित तिवारी ने 29 अक्टूबर को डिंडीगुल के एक सरकारी कर्मचारी से उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में संपर्क किया था. हालांकि, वह मामला बंद हो चुका था. तिवाीर ने कर्मचारी को बताया कि पीएमओ ने ईडी से इस मामले की जांच दोबारा शुरू करने को कहा है.
उसने कर्मचारी से जांच के लिए 30 अक्टूबर को मदुरई में ईडी के ऑफिस में पेश होने का कहा. जिस दिन वह कर्मचारी ईडी के ऑफिस पहुंचा, उस दिन ईडी के अधिकारी ने मामले में जांच बंद करने के लिए कथित तौर पर कर्मचारी से तीन करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. बाद में तिवारी ने कर्मचारी को बताया कि उसने सीनियर अधिकारियों से बात की है और वे रकम घटाकर 51 लाख करने के लिए तैयार हो गए हैं.
ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को रंगे हाथ पकड़ा
एक नवंबर को सरकारी कर्मचारी ने कथित तौर पर ईडी अधिकारी को बीस लाख रुपये की पहली किश्त दी. इसके बाद तिवारी ने यह कहकर उससे पूरी रकम देने को कहा कि यह पैसा बड़े अधिकारियों में बंटेगा. पैसा समय पर नहीं देने पर उसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की धमकी भी दी गई थी.
अंकित तिवारी की मांग पर शक होने पर इस सरकारी कर्मचारी ने उसके खिलाफ 30 नवंबर को डीवीएसी की डिंडीगुल यूनिट में शिकायत दर्ज की. इसके बाद शुरुआती जांच में पता चला कि तिवारी ईडी अधिकारी के तौर पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा था. इस वजह से उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इसके बाद एक दिसंबर को अंकित तिवारी को कथित तौर पर बीस लाख रुपये की दूसरी रिश्त लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया.