तमिलनाडु से अब तमिल भाषा को अब कोर्ट की भाषा बनाए जाने की मांग उठी है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मांग की है कि तमिल भाषा को मद्रास हाईकोर्ट की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम स्टालिन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि तमिल भाषा को मद्रास हाईकोर्ट की आधिकारिक भाषा का दर्जा दे दे.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि मैं अपील करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट की एक रीजनल बेंच चेन्नई में स्थापित की जाए. उन्होंने आगे कहा कि न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले लोगों को भी बहस समझ में आ पाए, इसके लिए मेरी अपील है कि तमिल को मद्रास हाईकोर्ट की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने इस दौरान ये भी कहा कि जजों की नियुक्ति इस तरह से की जानी चाहिए कि समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व मिले. उन्होंने ये विश्वास भी व्यक्त किया कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा. इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ट्रायल कोर्ट्स के लिए ट्विन टावर का निर्माण कराने को 315 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत करने का भी ऐलान किया.
सीएम स्टालिन ने मद्रास लॉ कॉलेज के भवन का रेनोवेशन कराने के लिए भी बजट आवंटित करने का ऐलान किया. सीएम स्टालिन ने कहा कि मद्रास लॉ कॉलेज की बिल्डिंग का रेनोवेशन कराने के लिए 23 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की जाएगी. इसी कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम स्टालिन ने तमिल को मद्रास हाईकोर्ट की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिए जाने की मांग की.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जिस कार्यक्रम में तमिल भाषा को मद्रास हाईकोर्ट की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिए जाने की मांग की, उस कार्यक्रम में कई जज भी मौजूद थे. कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल के साथ ही मद्रास हाईकोर्ट के जज मुनीश्वर नाथ भंडारा भी शामिल हुए थे.