कॉमेडियन कुणाल कामरा पर मुंबई में एक्शन को लेकर विपक्ष महाराष्ट्र में सत्ताधारी बीजेपी सरकार की आलोचना कर रहा है और इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बता रहा है. वही दूसरी ओर तमिल यूट्यूबर सावुक्कु शंकर ने आरोप लगाया है कि सफाई कर्मचारी होने का दावा करने वाले एक गिरोह ने चेन्नई में उनके घर में जबरदस्ती घुसकर उनके किचन और बेडरूम में सीवेज फेंक दिया और बाद में वीडियो कॉल पर उन्हें धमकी भी दी.
वीडियो पोस्ट कर किया दावा
एक्स पर अपलोड किए गए वीडियो की एक सीरीज में यूट्यूबर ने दावा किया कि हमला उस समय हुआ जब वह बाहर थे और जब हमलावर घर में घुसे तो उनकी मां घर पर अकेली थीं. शंकर ने कहा कि जब उन्होंने हाल जानने के लिए अपनी मां को फोन किया तो हमलावर वीडियो कॉल पर आया और उन्हें धमकी देने लगा.
शंकर ने आगे दावा किया कि पुलिस को तुरंत सूचित करने के बावजूद सिर्फ एक सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल ही मौके पर पहुंचे. उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावरों ने परिसर से बाहर निकले बिना घंटों तक विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सबूत के तौर पर कई वीडियो अपलोड किए, जिसमें हमले की फुटेज, वीडियो कॉल पर उन्हें धमकी देने वाले गिरोह के सदस्य और हमलवारों को दिखाते हुए सीसीटीवी रिकॉर्डिंग शामिल हैं. एक क्लिप में रिफ्लेक्टिव जैकेट पहने हुए शख्स वीडियो कॉल के दौरान उन पर चिल्लाते हुए देखा जा सकता है.
विपक्ष ने स्टालिन सरकार को घेरा
सूत्रों के अनुसार हमलावरों ने दावा किया कि वे शंकर द्वारा अपने एक वीडियो में सफाई कर्मचारियों के बारे में की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से आहत थे. इस हमले पर तीखे सियासी बयान सामने आए हैं. AIADMK प्रमुख ई के पलानीस्वामी ने घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी व्यक्ति इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. यह घटना क्रूरता की पराकाष्ठा को दर्शाती है और विवेक रखने वाले किसी भी व्यक्ति को शर्म से अपना सिर झुका लेना चाहिए, क्योंकि यह DMK शासन के तहत हुआ है, जो कानून के मुताबिक शासन करने का दावा करता है. उन्होंने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने एक्स पर यह भी पोस्ट किया कि 50 लोगों के एक गैंग द्वारा शंकर के घर में घुसने, सामान चुराने और खाना पकाने के बर्तनों सहित घरेलू सामानों पर मानव मल डालने की खबरों ने काफी हलचल मचा दी थी. उन्होंने इसे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार के तहत होने वाली अराजकता बताया है. AIADMK नेता ने आगे चेतावनी दी कि अगर कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि AIADMK के सत्ता में लौटने पर जिम्मेदार लोगों, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन पर उन्होंने सफाई कर्मचारियों की आड़ में काम करने का आरोप लगाया है, को कड़ी सजा दी जाएगी.
कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने भी हमले की निंदा करते हुए इसे बेहद निंदनीय और घृणित बताया है. उन्होंने तमिलनाडु पुलिस से अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया, चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर सरकार पर जनता का विश्वास और कम हो जाएगा. इस घटना ने प्रेस की स्वतंत्रता और राजनीतिक धमकी को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं और सख्त कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है.
सावुक्कु शंकर कौन हैं?
सवुक्कु शंकर एक तमिल यूट्यूबर हैं जो अपने विवादास्पद विचारों और कई राजनीतिक हस्तियों और संस्थानों की मुखर आलोचना के लिए जाने जाते हैं. पिछले कुछ वर्षों में उन्हें अपने कंटेंट और बयानों के कारण कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. मई 2024 में शंकर को YouTube पर एक इंटरव्यू के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और महिला पुलिसकर्मियों के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उन्हें गिरफ़्तार किया गया था.
इस घटना के कारण उनकी काफी आलोचना हुई और कानूनी कार्रवाई की गई. इसके बाद अगस्त 2024 में उन्हें थेनी में पुलिस की तलाशी के दौरान उनकी कार में 500 ग्राम गांजा पाए जाने के मामले में गुंडा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया. इस हिरासत ने गुंडा अधिनियम के उपयोग और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर इसके प्रभाव के बारे में बहस छेड़ दी. शंकर की हिरासत को अदालत में चुनौती दी गई है. सितंबर 2024 में ड्रग्स मामले से संबंधित उनकी हिरासत के आदेश को रद्द करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दिया था.