तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लोगों से तुरंत बच्चे पैदा करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि तमिलनाडु के लिए सफल फैमिली प्लानिंग लागू करना नुकसानदायक सौदा हुआ है. स्टालिन ने राज्य के लोगों को चेतावनी दी कि जनसंख्या आधारित परिसीमन तमिलनाडु के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को प्रभावित कर सकता है.
स्टालिन ने राज्य के निवासियों से उनकी अपील पर ध्यान देने का आह्वान किया. गौरतलब है कि केंद्र सरकार 2026 में लोकसभा सीटों का परिसीमन करवा सकती है.
आबादी के बदलते आंकड़ों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "पहले हम कहते थे कि समय लो, विचार करो और समय को देखते हुए बच्चे पैदा करो, लेकिन अब स्थिति बदल गई है और हमें बच्चे पैदा करने की बात तुरंत करनी चाहिए."
एमके स्टालिन ने जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन लागू किए जाने की आशंका से अपनी चिंता को जोड़ा और कहा, "हमने परिवार नियोजन को सफलतापूर्वक लागू किया, और अब हम ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं."
तमिलनाडु पर इसके संभावित प्रभाव को उजागर करते हुए स्टालिन ने कहा, "इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि आप अपना समय लें, बल्कि तुरंत अपना बच्चा पैदा करें.”
5 मार्च को सर्वदलीय बैठक
बता दें कि परिसीमन के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए स्टालिन ने 5 मार्च को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. मुख्यमंत्री स्टालिन चाहते हैं कि सभी लोग एक साथ आएं और तमिलनाडु के भविष्य पर विचार करें, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहां इसे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए विरोध करना चाहिए.
बता दें कि स्टालिन ने कहा है कि अगर जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होता है तो राज्य की सीटें 39 से घटकर 31 हो जाएंगी.
विपक्षी दलों से इस बैठक में शामिल होने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा, "मैं उनसे बैठक में शामिल होने का आग्रह करता हूं. कृपया अहंकार को किनारे रखें. इस बारे में न सोचें कि आपको मेरी बात क्यों सुननी चाहिए," स्टालिन ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह तमिलनाडु के लिए एक गंभीर मुद्दा है.
स्टालिन ने घोषणा की थी कि निर्वाचन आयोग में पंजीकृत 40 राजनीतिक दलों को निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के असर पर विचार-विमर्श करने के लिए बैठक में बुलाया गया है.
स्टालिन ने इसे “तमिलनाडु पर लटकती तलवार” बताया था. 25 फरवरी को कैबिनेट की बैठक के बाद बोलते हुए स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया था कि तमिलनाडु में परिवार नियोजन नीतियों के सफल क्रियान्वयन ने अब राज्य को नुकसान में डाल दिया है. उन्होंने कहा था, “यदि जनसंख्या जनगणना के आधार पर परिसीमन लागू किया जाता है, तो तमिलनाडु के आठ सांसद कम हो जाएंगे. इससे तमिलनाडु संसद में अपना प्रतिनिधित्व खो देगा.”
एमके स्टालिन ने कहा है कि इससे हमारी संसद में मौजूदगी कम होगी. तमिलनाडु की आवाज दबाई जा रही है, यह तमिलनाडु के अधिकारों का मामला है. सभी दलों और नेताओं को मिलकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर आवाज उठानी चाहिए.
केंद्र ने खारिज किया स्टालिन का दावा
हालांकि, सीएम स्टालिन के इस दावे को केंद्र सरकार और बीजेपी दोनों ने खारिज कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्टालिन पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रस्तावित सीमांकन में किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य की एक भी लोकसभा सीटें कम नहीं की जाएंगी.