इजरायल और फिलिस्तीन के कट्टरपंथी संगठन हमास के बीच जंग जारी है. इसको लेकर तमाम इस्लामिक मुल्क खुलकर इजरायल का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में बांग्लादेश के लोग भी फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं. इसको लेकर चर्चित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने प्रतिक्रिया दी है.
तसलीमा नसरीन ने कहा कि उनके हमवतन जो फिलिस्तीनियों के खिलाफ अत्याचारों से परेशान हैं, उन्हें अपने देश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के बारे में भी उतना ही सोचना चाहिए. रविवार को पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, "मैंने सुना है कि मेरे साथी बांग्लादेशी नागरिक फिलिस्तीनियों पर अत्याचारों को लेकर बहुत उत्तेजित हैं. कुछ लोग मदद के लिए फिलिस्तीन भी जाना चाहते हैं. व्यक्तिगत रूप से मैं दुनिया में कहीं भी किसी भी अत्याचार की निंदा करती हूं".
'उनकी अंतरात्मा तब भी परेशान होनी चाहिए'
उन्होंने आगे कहा, "मैं कहना चाहती हूं, अगर बांग्लादेश के लोग फिलिस्तीन में हमलों और शरणार्थियों के बारे में इतने चिंतित हैं तो उनकी अंतरात्मा तब भी परेशान होनी चाहिए जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले होते हैं. लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है".
गाजा से निकलने के लिए 3 घंटे का वक्त
बताते चलें कि इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है. इजरायल अब इस संघर्ष में आर या पार के मूड में है. इजरायल हमले के फाइनल रुख पर है. लिहाजा उसने नागरिकों को गाजा से निकलने के लिए 3 घंटे का वक्त दिया. इजरायल की सेना IDF ने गाजा नागरिकों को उत्तरी गाजा से दक्षिण की ओर जाने के लिए 3 घंटे का समय दिया है.
'इस मार्ग पर कोई ऑपरेशन नहीं करेगा'
आईडीएफ ने कहा, 'हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि आईडीएफ सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक इस मार्ग पर कोई ऑपरेशन नहीं करेगा. इस विंडो के दौरान, कृपया उत्तरी गाजा से दक्षिण की ओर चले जाएं. जाने का अवसर लें'.
'कृपया दक्षिण की ओर जाने का अवसर लें'
IDF ने लोगों से कहा, 'पिछले दिनों गाजा शहर और उत्तरी गाजा के निवासियों ने आपसे आपकी सुरक्षा के लिए दक्षिणी क्षेत्र में स्थानांतरित होने का आग्रह किया था हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि आईडीएफ सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक इस मार्ग पर कोई ऑपरेशन नहीं करेगा. इस विंडो के दौरान, कृपया उत्तरी गाजा से दक्षिण की ओर जाने का अवसर लें'.