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तवांग में ड्रैगन आर्मी की कुटाई का चाइनीज वर्जन, भारतीय सैनिकों से झड़प की अपने लोगों को क्या कहानी सुना रहा है चीन?

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को हाथापाई हुई थी. इस दौरान भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया था. भारतीय सैनिकों की वीरता के आगे चीन के 300 सैनिक भाग खड़े हुए. चीनी सैनिक तवांग के यांगत्से में भारतीय पोस्ट को हटाने पहुंचे थे.

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अरुणाचल में भारत औऱ चीनी सैनिकों में 9 दिसंबर को हुई थी झड़प (फाइल फोटो)
अरुणाचल में भारत औऱ चीनी सैनिकों में 9 दिसंबर को हुई थी झड़प (फाइल फोटो)

चाहें कोरोना हो, या फिर गलवान हिंसा चीन पर हमेशा से झूठ बोलने और सच्चाई छिपाने का आरोप लगता रहा है. अमेरिका समेत पश्चिमी देश, यहां तक कि उसके अपने नागरिक भी चीन पर दमनकारी शासन चलाने का आरोप लगाते रहे हैं. कोरोना काल में दुनिया ने देखा कि किस तरह से चीन के नागरिकों के लिए सच बोलना भी कठिन हो गया.

विवादित जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ हो रहे आंतरिक विरोध को भी चीन लगातार दबाने की कोशिश कर रहा है, ताकि उसका झूठ दुनिया के सामने बेनकाब न हो. अब चीन अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को हुई झड़प को लेकर भी झूठ के सहारे अपने नागरिकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. तवांग में चीनी सैनिकों की कुटाई पर उसने दुनिया के सामने अलग ही झूठ परोसने की कोशिश की है. हालांकि, भारतीय सेना ने तवांग की सच्चाई सबके सामने रखकर चीन के झूठ की पोल खोल दी है. 

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चीन ने पेश की नई थ्योरी

चीनी सेना ने तवांग में हुई झड़प के लिए भारत को ही जिम्मेदार बताया है. चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल लोंग शाओहुआ ने कहा कि चीनी सैनिक अपने क्षेत्र में एलएसी पर पेट्रोलिंग कर रहे थे. तभी भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार कर चीनी सैनिकों को अवैध रूप से रोका. इसके बाद चीनी सैनिकों ने स्थिति को नियंत्रण करने के लिए पेशेवर सेना की तरह जवाब दिया. लोंग शाओहुआ ने कहा कि अभी दोनों देशों के सैनिक अब अपने-अपने इलाके में हैं. 

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि सीमा पर शांति के लिए भारत अपने सैनिकों को नियंत्रण में रखे. इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि अभी हालात नियंत्रण में हैं और उन्होंने भारत से अपील की है कि दोनों देशों के बीच जो सीमा समझौते हैं, उनका पालन करे. 

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गलवान हिंसा में भी चीन ने छिपाई थी सच्चाई!

पूर्वी लद्दाख के गलवान में जून 2020 को भारत और चीन की सेना आमने सामने आ गई थी. इस दौरान दोनों सेनाओं में हिंसक झड़प भी हुई थी. इस दौरान भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. तमाम रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस झड़प में चीन को भारत से ज्यादा नुकसान हुआ. लेकिन चीन ने इस मामले में चुप्पी साधे रखी. बाद में सिर्फ चार जवानों की मौत की बात कही. इसी तरह से चीनी सरकार और वहां की मीडिया पर कोरोना से मौत के आंकड़े छिपाने का भी आरोप लगता रहा है. 

9 दिसंबर को क्या क्या हुआ था ?

9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. सोची समझी साजिश के तहत 300 चीनी सैनिक यांगत्से इलाके में भारतीय पोस्ट को हटाने पहुंचे थे. चीनी सैनिकों के पास कंटीली लाठी और डंडे भी थे. लेकिन भारतीय सैनिकों ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया और भिड़ गए. भारतीय जवानों को भारी पड़ता देख चीनी सैनिक पीछे हट गए. इस झड़प में 6 भारतीय जवान घायल हुए हैं, चीन की तरफ से कोई आंकड़ा जारी नहीं हुआ है लेकिन बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में पीएलए जवान जख्मी हुए हैं. 

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इन तीन यूनिट के जवान थे तैनात

LAC पर अतिक्रमण की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों को भारतीय सेना की तीन रेजिमेंट्स के जवानों की ताकत का सामना करना पड़ा. रक्षा सूत्रों के मुताबिक, तवांग सेक्टर के यांगत्से में भारतीय सेना की जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स, जाट रेजिमेंट्स और सिख लाइट इन्फेंट्री के जवानों ने चीन के सैनिकों को अच्छा सबक सिखाया. करीब 300 चीनी सैनिक यांग्त्से में भारतीय पोस्ट हटाने को पहुंचे थे. लेकिन इन तीनों टुकड़ियों के जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया. 

संसद में राजनाथ सिंह ने दी जानकारी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में इस मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से चीनी सैनिकों पीछे खदेड़ दिया. उन्होंने बताया कि 09 दिसंबर 2022 को PLA सैनिकों ने अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस दौरान दोनों पक्ष आमने सामने आ गए. हाथापाई भी हुई. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं. लेकिन मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ.

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भारत को थी चीन की साजिश की जानकारी

चीन अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर पिछले कुछ महीनों से आक्रामक रुख अपना रहा है. तवांग झड़प से कुछ दिन पहले चीनी ड्रोन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सीमा के काफी नजदीक आ गए थे. इसके बाद भारत को इन ड्रोन को खदेड़ने के लिए लड़ाकू विमानों को तैनात करना पड़ा था. सूत्रों के मुताबिक, भारत को पहले से ही चीन द्वारा इस तरह की कार्रवाई की आशंका थी. ऐसे में भारतीय सेना ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयारी कर रखी थी. इसका नतीजा ये हुआ कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को दौड़ा दौड़ा कर खदेड़ा. यहां तक कि कुछ भारतीय जवान चीनी पोस्ट तक पहुंच गए थे. 

भारत को मिला अमेरिका का साथ 

अमेरिका ने इस मामले में भारत का साथ दिया है. अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने कहा कि हम अपने साझेदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग हैं. हम स्थिति को नियंत्रित करने के भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं. 

 

 

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