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चंद्रबाबू के करीबी, तीसरी बार सांसद... कौन हैं राम मोहन नायडू जो मोदी सरकार में बनेंगे सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री

आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में टीडीपी ने 16, YSRCP ने चार, बीजेपी ने तीन और जनसेना पार्टी ने दो सीटों पर जीत हासिल की है. जिसके बाद चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी केंद्र सरकार में किंगमेकर की भूमिका में उभरकर सामने आई है. जिसके बाद मोदी सरकार 3.0 में टीडीपी के दो सांसद मंत्री पद की शपथ ग्रहण की है. अब उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.

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चंद्रबाबू नायडू और राम मोहन नायडू
चंद्रबाबू नायडू और राम मोहन नायडू

मोदी सरकार 3.0 में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के कोटे से दो सांसद मंत्री बनेंगे. टीडीपी की ओर से उन दोनों सांसदों के नाम तय कर दिए गए हैं. राम मोहन नायडू किंजरापु कैबिनेट मंत्री और चंद्रशेखर पेम्मासानी आज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ लेंगे. आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम सीट से तीसरी बार चुनकर आए राम मोहन नायडू (36) अबतक के सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री होंगे. उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.   

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राम मोहन नायडू का जन्म निम्माडा में 18 दिसंबर, 1987 को हुआ था. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीडीपी नेता येरन नायडू के बेटे हैं. उन्हें सार्वजनिक सेवा और राजनीति विरासत में मिली है. पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो राम मोहन ने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से की. उसके बाद अमेरिका की Purdue University से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की. इसके बाद लॉन्ग आईलैंड से एमबीए किया.  

2012 में पिता का सड़क हादसे में निधन

उन्होंने सिंगापुर में करियर बनाना शुरू ही किया था कि 2012 में कार हादसे में उनके पिता का निधन हो गया. इसके बाद वह राजनीति में आए और 2014 में 26 साल की उम्र में श्रीकाकुलम से पहली बार सांसद चुने गए और 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद बने.  

चंद्रबाबू के करीबी हैं राम मोहन

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राम मोहन नायडू को चंद्रबाबू नायडू का करीबी माना जाता है. उनकी गिनती अपने पिता येरन नायडू की तरह टीडीपी चीफ के करीबियों में होती है. जब चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी हुई, उस कठिन समय में राम मोहन ने दिल्ली में टीडीपी चीफ के बेटे नारा लोकेश के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चूंकि राम मोहन करीब 9 साल से दिल्ली में एक्टिव थे और उनके अलग-अलग दलों में संपर्क थे, नारा लोकेश के साथ मिलकर उन्होंने टीडीपी चीफ की गिरफ्तारी के खिलाफ मोर्चा बनाया. चंद्रबाबू ने उन्हें ही दिल्ली की सभी यात्राओं में उनके साथ रहने की जिम्मेदारी सौंपी है. जो राष्ट्रीय राजनीति की पेचीदगियों से निपटने में उनकी साझेदारी को दिखाती है. 

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2020 में मिला था संसद रत्न पुरस्कार  

राम मोहन नायडू को 2020 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वहीं 2024 में उन्होंने अपनी सीट से 3.27 हजार वोटों से जीत हासिल की है. वह संसद की कई समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं. इनमें कृषि, पशुपालन, रेलवे, गृह मामलों, पर्यटन एवं संस्कृति समेत कई समिति शामिल हैं.  

2021 में बजट सत्र के दौरान ली पैटर्निटी लीव 

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राम मोहन ने 2017 में श्री श्रव्या से शादी है, 2012 में उनकी एक बच्ची हुई. वह न केवल पारिवारिक व्यक्ति हैं, बल्कि राजनीति में भी रूढ़िवादिता को तोड़ने का प्रयास करते हैं. अपनी पत्नी की गर्भावस्था के लिए 2021 के बजट सत्र के दौरान पितृत्व अवकाश लेने के उनके निर्णय ने लैंगिक अधिकारों और शिक्षा पर स्वस्थ चर्चा को जन्म दिया. वह संसद में मासिक धर्म स्वास्थ्य शिक्षा और यौन शिक्षा की वकालत करने वाले पहले सांसदों में से एक हैं और उन्होंने सैनिटरी पैड पर जीएसटी हटाने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाया है.  

पिता का रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार राम मोहन 

राम मोहन नायडू अपने पिता येरन नायडू के नक्शे कदम पर चलते हैं, जो 1996 में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री थे. अब 2024 में राम मोहन सार्वजनिक सेवा की विरासत को जारी रखते हुए एनडीए गठबंधन में सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री बनकर अपने पिता के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए तैयार हैं.

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