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संसद में उठा चाय बागान श्रमिकों की बदहाली का मुद्दा, अनुप्रिया पटेल ने दिया जवाब

असम, दार्जिलिंग के चाय बागानों के श्रमिकों का मुद्दा संसद में उठा. असम के सांसद बदरुद्दीन अजमल और टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने बागान श्रमिकों  की बदहाली को लेकर प्रश्नकाल के दौरान सवाल किए जिसका केंद्र सरकार की ओर से उद्योग और वाणिज्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने जवाब दिया.

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अनुप्रिया पटेल
अनुप्रिया पटेल

असम के ढुबरी लोकसभा सीट से एआईयूडीएफ सांसद बदरुद्दीन अजमल ने चाय बागान श्रमिकों की बदहाली का मुद्दा उठाया. चाय बागान श्रमिकों के मुद्दे पर सवाल का जवाब देते हुए वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने सरकार की ओर से असम की चाय को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए किए गए प्रयास गिनाए.

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उन्होंने ये भी कहा कि श्रमिकों से जुड़े ये मसले राज्य सरकार के तहत आते हैं और इन मसलों को लेकर टी बोर्ड काम कर रहा है. अनुप्रिया पटेल ने पीएफ और अन्य विषयों पर कहा कि असम का अपना कानून है. हम वहां की सरकार से बात करेंगे. पश्चिम बंगाल के कोलकाता उत्तर से टीएमसी के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने भी चाय बागानों के हालात का मुद्दा उठाया.

उन्होंने कहा कि चाय बागान श्रमिकों की हालत वास्तव में बहुत खराब है. उन्होंने कहा कि टी बोर्ड के अधिकतर कर्मचारियों का इधर-उधर तबादला कर दिया गया है. टीएमसी सांसद के सवाल का जवाब देते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आपने जो चाय बागान श्रमिकों के लिए राशन, रहने के इंतजाम और अन्य सुविधाओं का मुद्दा उठाया है, वह राज्य सरकारों का विषय है.

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केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार जब ये देखती है कि कोई बागाना लगातार तीन साल या उससे अधिक समय से घाटे में है तो उसकी जांच जरूर कराई जाती है. केरल के इडुक्की से कांग्रेस सांसद डीन कुरियोकास ने भी चाय को लेकर सवाल किए.

इसके जवाब में अनुप्रिया पटेल ने साफ किया कि केरल के लिए किसी तरह के स्पेशल पैकेज का कोई प्रस्ताव हमें विचार के लिए नहीं मिला है. उन्होंने ये भी कहा कि पहले देश में सभी के सभी टी इस्टेट केवल पश्चिम बंगाल में थे जिन्हें राज्य सरकार ने बाद में रिवाइज भी किया था.

प्रीतम ने उठाया कॉपर का मुद्दा

महाराष्ट्र के बीड से बीजेपी सांसद डॉक्टर प्रीतम गोपीनाथ मुंडे ने कॉपर आयात को लेकर सवाल किए. इसका जवाब देते हुए खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश में कॉपर की मांग बढ़ी है. इसकी वजह से हमने तमिलनाडु में खनन कराने की कोशिश की थी. उन्होंने कॉपर की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर सरकार की ओर से किए गए प्रयास भी गिनाए.

ओडिशा के बरहामपुर से बीजेडी के सांसद चंद्रशेखर साहू ने आईआईटी भुवनेश्वर या अन्य बड़े संस्थानों के साथ समझौता कर माइनिंग को इकोफ्रेंडली बनाने को लेकर सवाल किया. इसके जवाब में केंद्रीय खान मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. धनबाद में भी हमने नहीं, एचसीएल ने समझौता किया है.

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