तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. SC की तीन जजों की पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए तीस्ता को नियमित जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, तीस्ता का पासपोर्ट अभी जब्त ही रहेगा, मतलब वह देश से बाहर नहीं जा सकेंगी. इसके अलावा तीस्ता गवाहों पर प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर दबाव नहीं डालेंगी ऐसा उनको आदेश दिया गया है. SC ने ये भी कहा कि उनके आदेश और टिप्पणियों का असर निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर नहीं पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमें नहीं लगता कि हिरासत में पूछताछ जरूरी है.
सुप्रीम कोर्ट में तीस्ता की तरफ से कपिल सिब्बल ने दलील रखी. वह बोले कि 2002 से 2020 तक बीस वर्षों तक तीस्ता के खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी. अचानक शिकायत और सबूत सब गढ़ लिए गए. सिब्बल ने यह भी कहा कि तीस्ता के देश छोड़कर भागने या गवाहों को प्रभावित करने या दबाव डालने का कोई रिस्क नहीं है.
इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने तीस्ता की जमानत याचिका खारिज करते हुए तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. फिर सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को अंतरिम जमानत दी थी. इसके बाद अब बुधवार को उन्हें नियमित जमानत मिल गई है.
जिस मामले में तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत मिली उसमें उनपर गुजरात दंगो के मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री को फंसाने की साजिश रचने और गलत सबूत पेश करने का आरोप है. एक अन्य मामले में तीस्ता गुजरात दंगा पीड़ितों के नाम पर देश-विदेश से फंड जमा कर उसमें गबन करने की भी आरोपी हैं.