प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तीन बेटियों चंदा, हेमा और रागिनी के अलावा बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के घर पर छापेमारी की. इतना ही नहीं एजेंसी ने करीब 12 घंटे तक परिजनों से पूछताछ भी. उधर लालू प्रसाद यादव ने छापेमारी की तुलना आपातकाल से की. उनका कहना है, 'हमने आपातकाल का काला दौर भी देखा है. हमने वह लड़ाई भी लड़ी थी. आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज मेरी बेटियों, नन्हे-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधु को भाजपाई ED ने 15 घंटों से बैठा रखा है. क्या इतने निम्नस्तर पर उतर कर बीजेपी हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी?'
रोहिणी बोलीं- इस न्याय को रखेंगे याद
लालू प्रसाद यादव की सिंगापुर में रहने वाली बेटी रोहिणी आचार्य भी ईडी द्वारा तेजस्वी यादव के घर पर की गई छापेमारी से बेहद नाराज दिखीं. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकालते हुए कहा, 'हम इस अन्याय को याद रखेंगे. सब कुछ याद रखा जाएगा. मेरी बहनों के छोटे बच्चों ने क्या अपराध किया है? मेरी गर्भवती भाभी ने क्या अपराध किया है? सभी को क्यों प्रताड़ित किया जा रहा है? सभी को आज सुबह से प्रताड़ित किया जा रहा है. एकमात्र इन लोगों का अपराध यह है कि लालू-राबड़ी परिवार फासीवादियों और दंगाइयों के सामने कभी नहीं झुका. इसका जवाब समय आने पर मिलेगा. अब यह सब असहनीय होता जा रहा है.'
जेडीयू नेता ललन सिंह ने इस छापेमारी की आलोचना करते हुए कहा, 'गर्भवती महिला और छोटे-छोटे बच्चों के साथ इस तरह का निर्मम आचरण देश में पहली बार हुआ है, देश इसको याद रखेगा. दमन चाहे जितना कर लें, 2024 में देश भाजपा मुक्त होगा.'
लालू-राबड़ी को भी मिला समन
आपको बता दें कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले के मामले में ईडी और सीबीआई लगातार लालू परिवार से पूछताछ कर रही है. लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और बड़ी बेटी को समन मिलने के बाद 15 मार्च को सीबीआई की विशेष अदालत में खुद पेश होना है. इस सप्ताह की शुरुआत में सीबीआई ने इस मामले में लालू और राबड़ी से क्रमश: दिल्ली और पटना में कई घंटों तक पूछताछ की थी.
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम
लैंड फॉर जॉब स्कैम करीब 14 साल पुराना केस है. तब केंद्र में यूपीए सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं.