तेलंगाना सचिवालय में मंदिर, मस्जिद और चर्च निर्माण के फैसले के बीच आज से राज्य विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है. सरकार ने कहा है कि सत्र के बाद सचिवालय के साथ ही सभी धार्मिक स्थलों की भी आधारशिला रखी जाएगी. तेलंगाना की केसीआर सरकार अपने इस फैसले को गंगा-जमुनी तहजीब का उदाहरण बता रही है तो कुछ दक्षिणपंथी खेमे अलग-अलग अंदाज में विरोध भी कर रहे हैं.
तेलंगाना सरकार ने जो निर्णय लिया है उसके मुताबिक, नये सचिवालय में एक मंदिर, एक चर्च और दो मस्जिद का भी निर्माण कराया जाएगा. मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के कार्यालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है, ''पुराने सचिवालय की बिल्डिंग गिराते वक्त क्षतिग्रस्त हुए एक मंदिर और दो मस्जिदों को सरकारी खर्च पर बनाने का फैसला किया गया है. वहीं, ईसाई समुदाय की मांग का ध्यान रखते हुए नये सचिवालय में चर्च भी बनवाया जाएगा.''
गौरतलब है कि बीते जुलाई महीने में पुराने सचिवालय की बिल्डिंग गिराते वक्त वहां पहले से स्थित पूजा स्थल क्षतिग्रस्त हो गए थे. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि नए धार्मिक स्थलों का निर्माण कराया जाएगा. जिसके बाद तेलंगाना सरकार ने एक मंदिर, दो मस्जिद और एक चर्च के निर्माण का फैसला किया है.
मस्जिद के लिए डेलिगेशन से मिले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री केसीआर ने शनिवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ मस्जिद निर्माण को लेकर बैठक भी की. इस दौरान मस्जिद के एरिया समेत बाकी तमाम मसलों पर चर्चा की गई. इसके बाद सीएम केसीआर ने कई फैसले लिए.
तेलंगाना सरकार ने क्या फैसले लिए
- पुराने सचिवालय को गिराते वक्त जो एक मंदिर और दो मस्जिद को नुकसान पहुंचा था, उन्हें फिर से सरकारी खर्च पर सभी सुविधाओं के साथ बनाया जाएगा.
- दो मस्जिद कुल 1500 स्क्वायर फीट इलाके में बनाई जाएंगी. इसमें इमाम के क्वार्टर भी होंगे. नई मस्जिदें नये सचिवालय परिसर में उसी जगह बनाई जाएंगी जहां वो पहले थीं. निर्माण के बाद मस्जिदें राज्य वक्फ बोर्ड के हवाले कर दी जाएंगी.
- सचिवालय परिसर में जो एक मंदिर बनाया जाएगा, उसका एरिया दोनों मस्जिदों के बराबर होगा. यानी 1500 स्क्वायर फीट एरिया में यह मंदिर बनाया जाएगा. निर्माण के बाद मंदिर इंडोवमेंट विभाग को सौंप दिया जाएगा.
- ईसाई समुदाय की तरफ से चर्च की मांग की जा रही थी, लिहाजा नये सचिवालय में एक चर्च बनाने का भी फैसला किया गया है. सरकार ही यह चर्च बनवाएगी.
मंदिर, मस्जिद और चर्च निर्माण के अलावा सरकार ने कुछ और फैसले भी लिए हैं. मुस्लिम अनाथ बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था अनीस-उल गुर्बाह को और अधिक पैसा दिया गया है. साथ ही हैदराबाद में एक इस्लामिक सेंटर स्थापित करने का भी फैसला किया गया है. इसके अलावा कब्रिस्तान की समस्या के समाधान के मद्देनजर हैदराबाद में 150-200 कब्रिस्तान के लिए जगह चिन्हित करने के आदेश दिए गए हैं. उर्दू भाषा के विकास को लेकर भी फैसला किया गया है.
सरकार की तरफ से कहा गया है कि तेलंगाना में सभी धर्मों को समान रूप से सम्मान दिया जाता है. यहां धार्मिक सहिष्णुता का पालन किया जाता है. तेलंगाना गंगा-जमुनी तहजीब का नमूना है. इसीलिए नये सचिवालय में सभी धर्मों से जुड़े पूजा स्थल बनाए जा रहे हैं. विधानसभा सत्र के बाद नये सचिवालय के साथ ही इन धार्मिक स्थलों की आधारशिला रखी जाएगी.
नये सचिवालय के डिजाइन पर विवाद
बीजेपी ने नये सचिवालय के डिजाइन पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. बीजेपी ने कहा है कि नया सचिवालय निजाम काल की किसी मस्जिद जैसा लग रहा है. बीजेपी नेता कृष्ण सागर राव ने कहा है कि ऐसा लग रहा है जैसे सरकार के दफ्तर को किसी मस्जिद का स्वरूप दे दिया गया हो. बीजेपी ने सीएम केसीआर पर इन फैसलों के जरिए मुस्लिम समुदाय को लुभाने का भी आरोप लगाया.
बता दें कि कैबिनेट ने जो डिजाइन पास किया है उसके तहत 7 लाख स्क्वायर फीट में बनने वाले नये सचिवालय में 7 फ्लोर होंगे. नये सचिवालय के निर्माण में करीब 500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी.