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फिर उठा बिहारियों के 'DNA' पर सवाल, क्या 2015 की तरह अब सैंपल भेजेंगे नीतीश कुमार?

राजनीति में एक बार फिर डीएनए चर्चा में है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी के बयान पर घमासान मचा है. बीजेपी ने कांग्रेस से माफी मांगने की मांग की है तो जेडीयू ने भी सहयोगी दल के नेता के बयान पर नाराजगी जताई है. राजद ने भी बयान देने से इंकार कर दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से भी कोई बयान नहीं आया है.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी.

तेलंगाना के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के ‘बिहार डीएनए’ वाले बयान पर विवाद बढ़ गया है. बीजेपी ने सीधे कांग्रेस पर हमला बोला है और माफी मांगने की मांग की है. बीजेपी का कहना है कि I.N.D.I.A अलायंस को भी इस विवादित बयान पर स्थिति स्पष्ट करना चाहिए. हालांकि, बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी आरजेडी ने इस बयान से किनारा कर लिया है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या 2015 की तरह एक बार फिर नीतीश कुमार हमलावर होंगे और कांग्रेस को डीएनए के सैंपल भेजेंगे?

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दरअसल, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार की यात्रा पर आए थे. वहां उन्होंने अपने भाषण में बिना नीतीश का नाम लिए कहा था कि शायद डीएनए में गड़बड़ी है. पीएम मोदी ने जीतनराम मांझी का जिक्र किया और कहा था, मांझी पर जुल्म हुआ तो मैं बैचेन हो गया. उन्होंने आगे कहा, जब एक महादलित के बेटे का सब-कुछ छीन लिया गया तब मुझे लगा कि शायद DNA में ही गड़बड़ है. बात यहीं तक नहीं रुकी, इस बयान को नीतीश ने मुद्दा बनाया और कहा कि वो अपना और बिहार के लाखों लोगों का DNA सैंपल प्रधानमंत्री को भेजेंगे. बाद में नीतीश ने राज्य के अलग-अलग जगहों से एकत्रित किए गए बिहार वासियों के नाखून और बाल के सैंपल बोरियों में भरकर पीएमओ भेजे थे. हालांकि, PMO ने इन सैंपल को रिसीव नहीं किया था. इस पर नीतीश ने कहा था कि अगर नहीं चाहिए तो वापस कर दो. 

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'तेलंगाना का डीएनए बिहार के डीएनए से बेहतर'

अब एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में डीएनए पर सवाल उठाना चर्चा में है. तेलंगाना में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विवादित बयान दिया है. रेड्डी ने कथित तौर पर कहा, राज्य के पहले मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) में ‘बिहारी जीन’ है. जबकि मेरा डीएनए तेलंगाना का है. केसीआर का डीएनए बिहार का है. वो बिहार के रहने वाले हैं. केसीआर की जाति कुर्मी है. वो बिहार से विजयनगरम और वहां से तेलंगाना आए थे. तेलंगाना का डीएनए बिहार के डीएनए से बेहतर है.

'रेड्डी के बयान की निंदा करे I.N.D.I.A अलायंस'

रेड्डी के इस बयान पर राजनीतिक तूफान आ गया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रेड्डी को आड़ों हाथों लिया. उन्होंने टिप्पणी को ‘बेहद शर्मनाक, विभाजनकारी और अहंकारी’ करार दिया. प्रसाद ने कहा,  कांग्रेस और ‘I.N.D.I.A’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के अन्य सदस्यों को भी इस टिप्पणी की निंदा करना चाहिए. रविशंकर प्रसाद ने पूछा, क्या वो देश को तोड़ना चाहते हैं? यहां बड़ा सवाल यह है कि I.N.D.I.A गठबंधन के सदस्य चुप क्यों हैं. नीतीश कुमार ने अब तक (रेड्डी की टिप्पणी पर) कुछ क्यों नहीं कहा? बिहार में कांग्रेस के सदस्य क्या कर रहे हैं? रविशंकर ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए.  

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जनता देगी करारा जवाब: अश्विनी चौबे

बक्सर से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, रेड्डी की ‘तुच्छ’ टिप्पणी से बिहार के लोगों की भावनाएं आहत हुई है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसका जवाब देने की मांग की. उन्होंने कहा, कांग्रेस नेता देश में गंदा माहौल बना रहे हैं. कांग्रेस नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने जिस तरह की ओछी टिप्पणी की है, उस पर लोग उन्हें करारा जवाब देंगे.

तेजस्वी बोले- बिना देखे और सुने टिप्पणी करना ठीक नहीं 

वहीं, बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने इस पूरे विवाद से किनारा कर लिया है. तेजस्वी यादव से पूछा गया कि रेवंत रेड्डी ने बिहारियों के DNA पर सवाल खड़े किए हैं? इस पर यादव ने कहा, मैंने इस बयान को अभी सुना नहीं है. तेजस्वी ने आगे कहा, जब तक कोई बात हम अच्छे से अपनी आंखों से ना देखें , अपने कानों से ना सुन लें, तब तक इस पर टीका टिप्पणी करना ठीक नहीं है.

रेवंत ने बिहारी को गाली नहीं दी: पप्पू यादव

इसी तरह, जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने भी रेवंत रेड्डी का बचाव किया. उन्होंने कहा, रेवंत रेड्डी ने बिहारी DNA पर कोई सवाल नहीं उठाया है. अपने मुंह मियां-मिट्ठू कौन नहीं बनता है. रेवंत रेड्डी ने अपने स्टेट के बारे में कहा है. उन्होंने बिहार को गाली तो नहीं दी है.

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'बिहार के लोग निपटने में सक्षम हैं'

एनडीए के सहयोगी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने रेवंत रेड्डी को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, कांग्रेस अंकुश लगाए, वरना बिहारी हर जगह फरियाने (निर्णय) में सक्षम हैं. ये बयान असंवैधानिक है. कांग्रेस आलाकमान इस पर ध्यान दे. किसी राज्य के बारे में ऐसी टिप्पणी करना गलत है. आगे बिहार के लोग हर जगह फरियाने में समक्ष हैं.

'क्या कांग्रेस ने अकेला चलना तय कर लिया है'

शुक्रवार दोपहर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी बयान जारी किया है. उन्होंने बिहारी डीएनए पर सवाल उठाए जाने पर नाराजगी जताई और कहा, बिहारी डीएनए पर टिप्पणी बर्दाश्त नहीं है. कांग्रेस आलाकमान को इस मामले को गंभीरता से देखना चाहिए. वैचारिक मतभेद हो सकता है लेकिन सबका डीएनए एक है. ये हिंदुस्तान का डीएनए है. समाज को बांटने वाले बयान ठीक नहीं हैं. डीएमके नेता ने गोमूत्र पर बयान दिया था, वो भी ठीक नहीं है. इससे I.N.D.I.A गठबंधन को नुकसान होगा. बिहार में अगर कांग्रेस का कोई नेता जेडीयू पर सवाल उठा रहा है तो उसे अपने आलाकमान से पूछना चाहिए. क्या कांग्रेस ने बिहार में अकेले चलना तय कर लिया है. क्या कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के साथ नहीं चलेगी?

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2015 में नीतीश ने पीएम मोदी के नाम खुले खत में क्या लिखा था... पढ़ें 

माननीय मोदी जी, कुछ दिनों पहले बिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आपने मेरे डीएनए पर जो टिप्पणी की, उससे मुझे और समाज के एक बड़े तबके को गहरी ठेस पहुँची है. मेरा मानना है कि आपके इन शब्दों से न सिर्फ बिहार बल्कि बिहार से बाहर रहने वाले लोगों ने भी खुद को अपमानित महसूस किया है. आप कुछ दिनों में फिर बिहार आने वाले हैं. मैं आपको उन सभी लोगों की ओर से यह पत्र लिख रहा हूँ जो आपकी इस टिप्पणी से आहत हुए हैं. यह आम विचार है कि आपके द्वारा की गयी यह टिप्पणी आपके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है.

लेकिन, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हम लोगों पर इस तरह की टिप्पणी की गयी हो. इसके पहले भी आपके साथी और भाजपा नेता श्री नितिन गडकरी जी ने कहा था कि “जातिवाद बिहार के डीएनए में है”. मोदी जी, यह एक विडम्बना ही है कि पिछले ही साल इन्हीं बिहारवासियों ने आप पर विश्वास करते हुए आपकी अगुवाई में बहुमत की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया था. यह वही राज्य है जहाँ मानव सभ्यता फली-फूली. इस धरती ने इतिहास की अनेक महान विभूतियों को जन्म दिया है. मेरा मानना है कि इस तरह के वक्तव्यों से जनता के मन में आपके नेतृत्व के प्रति विश्वास में कमी आयी है. मैं बिहार का बेटा हूँ. इस लहजे से मेरा और बिहार के लोगों का डीएनए एक जैसा ही है. मोदी जी, आप जानते हैं कि मेरे पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे और माँ एक सामान्य गृहिणी.

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मैं बिहार के ग्रामीण परिवेश के एक साधारण परिवार में पला-बढ़ा हूँ. चालीस वर्षों के राजनैतिक जीवन में मैंने गाँधी, लोहिया, जेपी के आदर्शों पर चलने का प्रयत्न किया है और अपनी क्षमता के अनुसार जनता के हित के लिए काम किया है. हमारा यह मानना है कि आपके वक्तव्य ने मेरे वंश पर सवाल तो उठाया ही है, साथ ही, बिहार की विरासत और बिहारी अस्मिता को भी ठेस पहुँचाई है. इस तरह के वक्तव्य इस धारणा को भी बल देते हैं कि आप और आपकी पार्टी हम बिहारवासियों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. मुझे आश्चर्य होता है कि आपके सचेत विवेक ने इन वक्तव्यों की गंभीरता को कैसे नहीं समझा? 

अतः इस पत्र के माध्यम से मेरा आपसे यह अनुरोध है कि आप अपने शब्दों को वापस लेने पर विचार करें. मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा करने से लोगों की आहत भावनाओं को राहत मिलेगी. जिससे आपके प्रति न सिर्फ उनका सम्मान बढ़ेगा, बल्कि उनकी नजरों में आपका कद और भी ऊँचा हो जायेगा. - आपका, नीतीश कुमार.

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