कल्पना कीजिए कि विमान हवा में हो और उड़ान के दौरान किसी यात्री की तबीयत बिगड़ जाए. हार्टबीट तेजी से गिर रही हो. एक-एक पल भारी हो और गंतव्य तक पहुंचने में भी काफी समय हो. ऐसे ही हालात थे 23 जुलाई की सुबह 4 बजे नई दिल्ली से हैदराबाद के लिए उड़ान भरने वाली इंडिगो की फ्लाइट में. एक यात्री की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी और उसे तत्काल मेडिकल हेल्प की जरूरत थी.
इंडिगो की फ्लाइट में यात्री की तबीयत तेजी से बिगड़ते देख एयर होस्टेस ने इमरजेंसी अनाउंसमेंट किया कि क्या इस फ्लाइट में कोई डॉक्टर है. उसी फ्लाइट में तेलंगाना की राज्यपाल डॉक्टर तमिलिसाई सुंदरराजन भी सवार थीं. तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन पेशे से चिकित्सक हैं. अनाउंसमेंट सुनकर तमिलिसाई सुंदरराजन के भीतर का डॉक्टर कर्तव्यबोध से जागृत हो उठा.
राज्यपाल डॉक्टर तमिलिसाई सुंदरराजन तुरंत ही मरीज के पास पहुंच गईं. मरीज थे आंध्र प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी कृपानंद त्रिपाठी उजेला. डॉक्टर तमिलिसाई सुंदरराजन ने जब एडिशनल डीजीपी (सड़क सुरक्षा) के पद पर तैनात कृपानंद त्रिपाठी उजेला की हार्टबीट चेक की तो वह सिर्फ 39 पहुंच चुकी थी. ऐसे में डॉक्टर तमिलिसाई ने आईपीएस अधिकारी उजेला की सहायता की.
तेलंगाना की राज्यपाल ने मरीज को तुरंत ही जरूरी दवाएं दीं. फ्लाइट के हैदराबाद में लैंड करने के बाद आईपीएस अधिकारी कृपानंद को तत्काल अस्पताल ले जाया गया जहां जांच के बाद उनके डेंगू से पीड़ित होने की पुष्टि हुई. कृपानंद त्रिपाठी उजेला की प्लेटलेट्स गिरकर 14 हजार तक आ गई थीं. इस संबंध में आईपीएस अधिकारी उजेला ने कहा है कि मैडम गवर्नर ने मुझे आगे झुकने की सलाह दी और मदद की जिससे सांस स्थिर हो सकी.
उन्होंने ये भी कहा कि मैडम गवर्नर ने एक मां की तरह मदद की और मेरी जान बचाई नहीं तो शायद अस्पताल भी नहीं पहुंच पाता. आंध्र प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी कृपानंद त्रिपाठी उजेला ने ये भी कहा है कि मैडम गवर्नर फ्लाइट में नहीं होतीं तो नहीं बच पाता. उन्होंने नया जीवन दिया है. तेलंगाना की राज्यपाल के इस कार्य की हर कोई तारीफ कर रहा है.