तेलंगाना ने अपने पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के पांच गांवों में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि के बाद सख्त एहतियाती कदम उठाए हैं. हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क ने संभावना के तहत अपने मांसाहारी जानवरों के लिए रोजमर्रा के चिकन और अंडों की खपत बंद कर दी है.
पिछले दिनों जूलॉजिकल पार्क अपने बाघों, शेरों, पैंथरों और जगुआरों को रोजाना 35 किलो चिकन और 140 अंडों का आहार दे रहा था. कुछ संभावनाओं के तहत इसे मटन, बीफ और पोर्क में बदल दिया गया है.
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नेहरू जूलॉजिकल पार्क कई तरह के जीव-जंतु
380 एकड़ में फैला नेहरू जूलॉजिकल पार्क विविध जीव-जंतुओं का घर है जिसमें मैमल्स, बर्ड्स. रेप्टाइल्स और एम्फीबियन जैसे जीव शामिल हैं. यहां कड़े जैव सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं ताकि जानवरों के बीच किसी भी संभावित प्रकोप से बचा जा सके.
तेलंगाना सरकार ने उठाए संक्रमण को रोकने के लिए कदम
तेलंगाना ने अलर्ट में राज्य और अंतर-राज्यीय सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है ताकि संक्रमित पक्षियों का ट्रांसपोर्टेशन रोका जा सके. वेटरिनरी और पशुपालन विभाग ने राज्यभर में पोल्ट्री फार्मों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सख्त जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए हैं.
आंध्र प्रदेश में बर्ड फ्लू की पहचान की गई!
आंध्र प्रदेश के अधिकारियों ने नारसिम्हाराव पेट, कुर्नूल शहर में बर्ड फ्लू के पहले मामले की पुष्टि की है, जहां मुर्गियों की मौत हो गई थी. पुष्टि के बाद, प्रभावित क्षेत्र को रेड जोन घोषित कर दिया गया है और एक किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी चिकन की दुकानों को बंद कर दिया गया है. यह कदम वायरस के फैलाव को रोकने के लिए उठाया गया है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में मुर्गियों का कूचन किया जा चुका है, और अधिकारी वायरस को नियंत्रित करने की कोशिश में हैं. संक्रमण को हर हाल में रोकने की कोशिश के तौर पर यह कार्रवाई की जा रही है. इस तरह के संक्रमण की रोकथाम के लिए तेलंगाना ने भी शुरुआत से हाई अलर्ट जारी कर दिया है.