तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले के डोमलापेंटा में एसएलबीसी सुरंग के भीतर हुई दुर्घटना के बाद सीनियर इंजीनियर समेत आठ कामगार फंसे हुए हैं. प्रधानमंत्री ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री से बातचीत की और सुनिश्चित किया कि केंद्र सरकार हर संभव मदद और समर्थन प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री को पीएम ने कहा कि बचाव कार्य हर हाल में सुचारू रूप से संचालित होना चाहिए.
दुर्घटना की वजह शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि अचानक पानी और मिट्टी की तेज बाढ़ आने के कारण सुरंग ढह गई, जिससे लगभग 8 किलोमीटर के इलाके में खुदाई स्थल को नुकसान पहुंचा. सुरंग बोरिंग का काम संभालने वाली कंपनियों, जेपी एसोसिएट्स और रॉबिन कंपनी ने बताया कि यह घटना सुबह 8 बजे काम शुरू होने के मात्र 30 मिनट के भीतर हो गई.
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टनल ढहने के बाद सुरक्षित निकल गए थे कुछ कामगार
बताया जा रहा है कि टनल ढहने से पहले तेज आवाज सुनाई दी, जिसके बाद पानी और मिट्टी तेजी से सुरंग में घुस गए, जिससे कामगारों को सुरक्षा के लिए भागना पड़ा. उन कामगारों ने, जो टीबीएम के पास थे, वे सुरक्षित बाहर निकल सके, मगर सुरंग के आगे के हिस्से में काम कर रहे मजदूर फंस गए. खुदाई का काम जल्द ही रोक दिया गया और सुपरवाइजर्स ने जितने ज्यादा से ज्यादा कामगारों को बाहर निकालने की कोशिश की.
वेंटिलेशन सिस्टम अब भी चालू, हो रही ऑक्सीजन की सप्लाई
नगर निगम और सरकार की उच्च स्तरीय प्राथमिकता में फंसे हुए कामगारों के लिए वेंटिलेशन सिस्टम अब भी चालू है, जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई बनी हुई है. एम्बुलेंस और मेडिकल टीम पूरी तैयारी के साथ मौके पर तैनात हैं. डॉक्टर इमरजेंसी देखभाल के लिए तैयार हैं.
प्रोजेक्ट इंजीनियर समेत कई कामगार फंसे
आठ कामगारों में शामिल हैं मेट्रिक्स से मनीष कुमार (प्रोजेक्ट इंजीनियर), श्रीनिवास (फील्ड इंजीनियर) दोनों उत्तर प्रदेश से, और बाकी मज़दूर जिसमें संदीप साहू, जटाक्स, संतोष साहू, अनुज साहू, ये सभी झारखंड से, सनी सिंह जम्मू कश्मीर से और गुरप्रीत सिंह पंजाब से हैं.
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एक्सपर्ट टीम और आर्मी मौके पर तैनात
राज्य के मंत्री कैप्टन एन उत्तम कुमार रेड्डी ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर रही है. उन्होंने बताया कि सिंगरेनी के विशेषज्ञ दल और भारतीय सेना को भी संकट का सामना करने के लिए तैनात किया गया है.