scorecardresearch
 

Telangana में KCR की कुर्सी बचेगी या बाज़ी मारेंगे कांग्रेस- BJP?

तेलंगाना में वोटिंग के दिन क्या थी ग्राउन्ड ज़ीरो की तस्वीर, क्या होने वाला है COP28 का एजेंडा और भारत के लिए इस बैठक से क्या निकल कर आएगा, फिर बात नोबेल पुरस्कार विजेता और खूब कंट्रोवर्शियल रहे अमेरिकी पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर की, सुनिए 'दिन भर' में.

Advertisement
X
DIN BHAR
DIN BHAR

वोटिंग करने के लिए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, पूर्व क्रिकेटर और जुबली हिल्स से कांग्रेस कैंडिडेट मोहम्मद अजहरुद्दीन और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी पहुंचे. इसके अलावा साउथ सिनेमा के सुपर स्टार, अल्लू अर्जुन, जूनियर NTR, चिरंजीवी और ऑस्कर विनिंग सॉन्ग नाटू-नाटू के म्यूजिक कंपोजर MM किरावाणी भी वोट देते हुए नज़र आए. वोटिंग के दौरान तीन से चार जगह कांग्रेस, बीजेपी और बीआरएस के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. एक BRS कार्यकर्ता का कहना था कि काँग्रेस प्रेसीडेंट - पार्टी कैंडीडेट रेवंत रेड्डी के भाई कोंडल रेड्डी बिना authorisation के पोलिंग बूथ में घूम रहे हैं. इसके बाद कुछ जगहों से लाठी चार्ज होने की भी खबरें आई. दिन भर चली वोटिंग की तस्वीर क्या रही, सुनिए 'दिन भर' में. 

Advertisement

तेलंगाना से दूर अब यूएई से खबर जहां चल रही है COP28 मीटिंग. बैठक का आगाज़ आज से हुआ है और 12 दिसंबर तक अलग-अलग सेशन्स होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें हिस्सा लेने के लिए आज भारत से रवाना हुए हैं. भारत की तरफ से पीएम न सिर्फ इस बैठक का हिस्सा बनेंगे बल्कि कुछ नेताओं के साथ उनकी बाइलेटरल मीटिंग भी होगी. साथ ही भारत और UAE मिलकर दो हाई लेवल इवेंट्स को भी होस्ट करेंगे. भारत के अलावा COP28  में पोप, किंग चार्ल्स समेत दुनियाभर के 167 नेता होंगे.. लेकिन पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज से जुड़े कौन से मुद्दे इस बार COP28 के डिस्कशन पॉइंट्स रहनेवाले हैं,सुनिए 'दिन भर' में. 


आज अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का देहांत होने के साथ डिप्लोमेसी की पूरी एक सदी का अंत हो गया. इसी मई में उन्होंने उम्र का शतक जमाया था. किसिंजर के निधन की जानकारी उनकी परामर्श कंपनी किसिंजर एसोसिएट्स ने दी लेकिन मौत का कोई कारण नहीं बताया. वो कनेक्टिकट के अपने घर में आखिरी दिन बिता रहे थे. किसिंजर का मूल नाम हाइंज़ अल्फ्रेड किसिंजर था. 15 साल की उम्र में वो अपने परिवार के साथ जर्मनी से अमेरिका आ गए क्योंकि 1938 में हिटलर की पॉलिसीज़ से यहूदी डरे हुए थे. किसिंजर ने अमेरिकी नागरिक बनने के बाद प्रोफेसर, एनएसए, विदेश मंत्री तक का सफर तय किया. उनकी ज़िंदगी डिप्लोमैटिक कामयाबियों के साथ विवादों से भरीपूरी थी. 1973 में उन्हें वियतनाम के ले डूक के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पीस प्राइज़ भी मिला लेकिन विवादों ने उनका पीछा वहां भी किया. किसिंजर 2012 में दिल्ली आए थे और इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शामिल हुए थे... किसिंजर की ज़िंदगी, उपलब्धियों और इंडिया कनेक्शन पर बात, सुनिए 'दिन भर' में. 
 
Live TV

Advertisement
Advertisement