मोदी सरकार ने सोमवार को लोकसभा में Telecommunications Bill 2023 सदन में पेश कर दिया. दूरसंचार विधेयक 2023 भारत सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी या सभी दूरसंचार सेवाओं या नेटवर्क को संभालने, प्रबंधित करने या निलंबित करने की अनुमति देता है.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, दूरसंचार विधेयक, 2023 के पास होने के बाद 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह लेगा, यह अभी दूरसंचार क्षेत्र को नियंत्रित करता है. कैबिनेट से बिल को अगस्त में मंजूरी मिल गई थी.
बिल में क्या क्या प्रावधान?
- 2023 में जारी दूरसंचार विधेयक के मसौदे में उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ओवर-द-टॉप या इंटरनेट-आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स को दूरसंचार की परिभाषा के तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया है.
- विधेयक में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की शक्ति पर अंकुश लगाने का भी प्रस्ताव किया गया था, इस पर संचार कंपनियों ने चिंता जताई थी. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, ओवर-द-टॉप खिलाड़ियों और ट्राई से जुड़े मुद्दों को कैबिनेट की मंजूरी मिलने से पहले ही सुलझा लिया गया था.
- ड्राफ्ट में किसी कंपनी द्वारा अपना परमिट सरेंडर करने की स्थिति में लाइसेंस, पंजीकरण आदि की फीस वापस करने जैसे कुछ नियमों को आसान बनाने का प्रस्ताव किया गया है.
- नए विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि सरकार को उपभोक्ताओं के हित, बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने, दूरसंचार नेटवर्क की उपलब्धता या निरंतरता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क, जुर्माना आदि माफ करने की शक्ति दी जाए.
- ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेयर्स या ऐप्स को दूरसंचार सेवाओं की परिभाषा से हटा दिया गया है. इसके अलावा व्हाट्सएप और टेलीग्राम दूरसंचार नियमों से बाहर रहेंगे.
हंगामे के बीच पेश किया गया बिल
लोकसभा में सोमवार को संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष लगातार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुद्दे पर बयान की मांग कर रहा है. विपक्ष के हंगामे के बीच संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दूरसंचार विधेयक, 2023 पेश किया.
13 दिसंबर की संसद की सुरक्षा में हुई थी सेंधमारी
दरअसल, 13 दिसंबर को संसद भवन पर हुए हमले की 22वीं बरसी थी. इसी दिन दोपहर करीब एक बजे दो युवकों ने संसद में घुसपैठ की थी. दोनों युवक विजिटर गैलरी यानी दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए. ये दोनों शख्स एक बेंच से दूसरे बेंच पर भागने लगे. तभी एक शख्स ने जूते से निकालकर कोई पीले रंग की गैस स्प्रे कर दी. इस दौरान संसद में अफरा-तफरी मच गई. सांसद यहां-वहां भागने लगे. हालांकि कुछ सांसदों ने इन्हें पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया था. लोकसभा के अंदर जब दो लोग कूदे, तभी संसद के बाहर पुलिस ने प्रदर्शन करते हुए एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया था. दोनों सदन के बाहर नारेबाजी कर रहे थे और कनस्तरों से कलर गैस का छिड़काव कर रहे थे.