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राजौरी में 'केसरी हिल्स' की वो काली गुफाएं, जो आतंकियों के लिए हैं सुरक्षित पनाहगाह तो सुरक्षाबलों के लिए बनीं सरदर्द 

सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों को POK में गाँव वालों के बीच छिपा कर रखने के पीछे ISI की चाल है ये है कि इन पर किसी भी सुरक्षा एजेंसियों की नज़र न पड़े .आईएसआई का प्लान राजौरी के कोटरंका के केसरी हिल की कटीली झाड़ियों बड़े-बड़े पत्थरों के घिरे हुए इलाके से घुसपैठ को अंजाम देना है.

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जम्मू कश्मीर में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे चार जवान (फाइल फोटो)
जम्मू कश्मीर में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे चार जवान (फाइल फोटो)

राजौरी के घने जंगलों से निकलकर एक बार फिर आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर हमला करने में कामयाबी हासिल की है सुरक्षा पर आतंकियों के इस कायराना हमले का जवाब देने में जुटे हैं.पर इस हमले में हमारे जांबाज जवान शहीद हो गए हैं. डेरा गली इलाके में घात लगाकर बैठे आतंकवादियों ने गुरुवार दोपहर करीब 3:45 पर सुरक्षा बल के जिप्सी व ट्रक में सवार जवानों पर हमला कर दिया. आतंकियों के ताबड़तोड़ गोलियां चलाई और आर्मी के जवान शहीद हो गए.

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जंगली इलाका बना सुरक्षाबलों के लिए चुनौती

ऐसे में यहां सवाल यह उठ रहा है कि आखिर आतंकी राजौरी हिल्स के इस इलाके के जरिए सुरक्षा बलों पर आखिर इतना हमला क्यों कर रहे हैं. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका और पाक ISI जम्मू कश्मीर के अंदर आतंकवाद को परोसने के लिए हर रोज नई चाल बना रहे हैं. खुफिया सूत्रों ने आज़तक को एक्सक्लूसिव जानकारी दी है कि पाकिस्तान राजौरी और पूँछ के इलाके से सबसे ज्यादा आतंकी घुसपैठ और आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है. इसके पीछे वजह ये है यहां के खतरनाक जंगल. जी हां राजौरी के कोटरंका का केसरी हिल का इलाका काफी खतरनाक है.

भौगोलिक तौर पर देखा जाए तो इस इलाके में कटीली झाड़ियां और बड़े-बड़े पत्थरों के बोल्डर मिल जाते हैं जो आतंकियों के लिए बड़े ढाल का काम कर रहे हैं.  इसके साथ ही इस इलाके में दर्जन भर से अधिक प्राकृतिक गुफाएं भी हैं जिनमें आतंकी बड़ी घटना को अंजाम देकर या फिर घुसपैठ करके छुप जाते हैं जो कि इन दिनों सुरक्षाबलों के लिए एक टेढ़ी खीर बना हुआ है.

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राजौरी के केसरी हिल्स के इस इलाके में 2 साल में 8 बार आतंकी हमला

राजौरी और पूँछ की केसरी हिल्स की पहाड़ियां आखिर सुरक्षा बलों के लिए क्यों बनी है अबूझ पहेली, पिछले 2 साल में सुरक्षा बलों पर सबसे ज्यादा हमले और घुसपैठ यहीं हुए हैं. राजौरी और पूंछ में पिछले 2 साल में 8 बार सुरक्षा बलों पर आतंकियों ने हमला किया. यही वजह है कि इस इलाके में जब भी सुरक्षा बलों को यह इनपुट मिलता है कि यहां पर आतंकियों ने पनाह ली हुई है उसके बाद ऑपरेशन लॉन्च किया जाता है इससे पहले भी कई बार सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन लॉन्च किए हैं जिसमें कई बड़ी सफलताएं भी सुरक्षा बलों को मिली और खूंखार आतंकियों को मार गिराया गया. लेकिन इस इलाके में घने जंगल हैं जिसका फायदा आतंकी उठाते हैं और छिपकर यानी घात लगाकर वार करते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले दो सालों में आतंकियों ने अब तक आठ बार बड़े किए जिसमें 34 जवान शहीद हुए. इनमें शामिल है- 

  1. 21 दिसम्बर 2023 में राजौरी में आतंकियों का सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला 5 जाबाज़ शहीद.
  2. 22-23 नवंबर 2023 में राजौरी में 5 जाबाज़ शहीद इसमें 2 आर्मी के बड़े अधिकारी भी शामिल थे.
  3. 13 सितंबर 2023 - सुरक्षा बल का एक जवान राजौरी में ऑपरेशन के दौरान शहीद.
  4. 5 मई 2023- आर्मी के 5 पैरा कमांडो IED ब्लास्ट में राजौरी में शहीद हुए.
  5. 20 अप्रैल 2023- मेंढर में आतंकियों के एम्बुश का शिकार 5 सुरक्षा बलों के जवान हुए और शहीद हुए.
  6. 11 अगस्त 2022- परगाल राजौरी में आतंकी हमले में 5 जवान शहीद.
  7. 14 अक्टूबर 2021- मेंढर में आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन के दौरान 5 आर्मी के जवान शहीद हुए.इसमें एक JCO भी शामिल था.
  8. 11 अक्टूबर 2021 में सुरनकोट के चमर के जंगलों में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा था इस दौरान 5 सेना के जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है.

घुसपैठ के 10 रास्ते का इस्तेमाल करते है आतंकी

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जम्मू कश्मीर के राजौरी के केसरी हिल्स में प्राकृतिक तौर पर बने हुए कई रास्ते है जो आतंकियों को घुसपैठ करने में मदद करते है स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर(OGW) की मदद से आतंकी पाक ISI की सह पर घुसपैठ करते हैं. ऐसे 10 रास्ते है जिनका छुपकर आतंकी घुसपैठ के लिए इस्तेमाल करते है.पर सुरक्षा बलों की कड़ी पहरेदारी के चलते आतंकियों का घुसपैठ करना संभव नही हो पा रहा है. सूत्रों ने बताया है कि जिन रास्तो का इस्तेमाल आतंकी कर सकते है वहाँ पर भारी संख्या में फ़ोर्स तैनात है.

1. दुधनियाल लॉंच पैड (POK) रुट से,  कैथनवाली फारेस्ट से घुसपैठ की कोशिश हो सकती है.

2.केल लॉन्च पैड रूट से होते हुए लोलाब घाटी से घुसपैठ हो सकती हैं.
3.नल्ली (POK) रुट से होते हुए मजोत रास्ते का इस्तेमाल करके घुसपैठ.
4.कोटकोतेरा(POK) रुट से होते हुए घुसपैठ.
5.निकैल लॉंच पैड से (POK) रूट से राजौरी और पूँछ में घुसपैठ.
6.बताल गाँव (POK)..के आतंकी..रूट...से आतंकी....कस नाला होते हुये राजौरी में घुसपैठ.
7. बोई (POK) के आतंकी रूट से आतंकी....सोन गली के जरिये घुसपैठ.
8.खुईरेरट्टा (POK)..रूट..से होते हुये आतंकी...मोहरा गैप से घुसते हैं.
9. घुसपैठ करने के लिए "हिल काका" के एरिया से घुसते हैं.
10. पाक के "उस्ताद पोस्ट" के रूट का इस्तेमाल गुरेज में घुसपैठ के लिए करते हैं.

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ISI पाक अधिकृत कश्मीर के गाँवो में आतंकी कर रहा है इकठ्ठा.

राजौरी और पुँछ सेक्टर के सामने  POK के गाँवों में आतंकी को इकट्ठा करने की बड़ी कवायद पाक ख़ुफ़िया एजेंसी की तरफ़ से किया जा रहा है. ये जगहें हैं-बोकरा गली, चकियास, चिरीकोट, काहूता, चप्परकड़ा,कालामुला,मंदार, बल्लनवाली, धोक, काचारबन, सनई रावलकोट. यही नहीं खुफिया सूत्रों के मुताबिक-बिम्बर गली के सामने, POK के गाँवो में JeM/LeT के आतंकियों को इकट्ठा करने की सूचना खुफिया एजेंसियों को मिली है. इन आतंक के 7 गाँवो की list मौजूद है ये गाँव है- पंजन, मैट्रीयन, गोरागुजरान, लनजोट, दाँतोंटे, ताराकुंडी और जांद्रोट.

सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों को POK में गाँव वालों के बीच छिपा कर रखने के पीछे ISI की चाल है ये है कि इन पर किसी भी सुरक्षा एजेंसियों की नज़र न पड़े. राजौरी के कोटरंका के केसरी हिल की कटीली झाड़ियों बड़े-बड़े पत्थरों के घिरे हुए इलाके से आतंकियों की घुसपैठ कराई जाए उसके बाद सुरक्षाबलों पर निशाना बनाकर बड़ा हमला किया जाए.

इंटरनेशनल बॉर्डर पर भी 4 लांच पैड सक्रिय

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने जम्मू सेक्टर में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए जम्मू के अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार 4 लांच पैड को री- एक्टिवेट कर दिया है. ये लांच पैड है मसरूर बड़ा भाई, चपराल लूनी और शकरगढ़. सूत्रों के मुताबिक यहाँ पर लश्कर और जैश के आतंकियों को इन सर्दियो में भी इकट्ठा किया जा रहा है. हाल ही में जिस तरीके से राजौरी और पूँछ में सुरक्षा बलों पर आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया है वैसे में सुरक्षा बलों को एक बार फिर अलर्ट किया गया है.

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जम्मू कश्मीर से आतंकी इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार बने लॉन्च पैड मसरूर बड़ा भाई से विदेशी आतंकी घुसपैठ के लिए इकट्ठा किये हैं. सूत्रों ने आज़तक को बताया है कि पाक रेंजर्स इन आतंकियों की मदद करने में जुटे है. यही नही जम्मू वाले क्षेत्र में सीमापार बने आतंकी 4 लॉंच पैड पर 35 से ज़्यादा आतंकी इस वक्त भी मौजूद है जिनको पाक रेंजर्स की मदद से घुसपैठ कराई जा सकती है.

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